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Showing posts from September, 2013

महाभारत काल के १०० कौरवो के नाम ..

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महाभारत काल के १०० कौरवो के नाम   दुर्योधन, दु:शासन, दु:सह, दु:शल, जलसंघ, सम, सह, विंद, अनुविंद, दुर्धर्ष, सुबाहु, दुषप्रधर्षण, दुर्मशर्ण,  दुर्मुख, दुष्कर्ण, विकर्ण, शल, सत्वान, सुलोचन, चित्र, उपचित्र, चित्राक्ष, चारुचित्र, शरासन, दुर्मद, दुर्विगाह,  विवित्सु, विक्टानन्द, ऊर्णनाभ, सुनाभ, नन्द, उपनंद, चित्रबाण, चित्रवर्मा, सुवर्मा, दुर्विमोचन, अयोबाहु,  महाबाहु, चित्रांग, चित्रकुंडल, भीमवेग, भीमबल,  बालाकि, बलवर्धन, उग्रायुध, सुषेण, कुण्डधर, महोदर,  चित्रायुध, निषंगी, पाशी, वृंदारक, द्दणवर्मा, द्रढ़क्षत्र, सोमकिर्ती, अनूदर, दढ़संघ, जरासंघ, सत्यसंघ,  सद्सुवाक, उग्रश्रवा, उग्रसेन, सेनानी, दुष्पराजय, अपराजित, कुण्डशायी, विशालाक्ष, दुराधर, दृढहस्त,  सुहस्त, वातवेग, सुवर्च, आदित्यकेतु, बह्वाशी, नागदत्त, उग्रशायी, कवचि, क्रथन, कुण्डी, भीमविक्र,  धनुर्धर, वीरबाहु, अलोलुप, अभय, दृढकर्मा, दृढथाश्र्य, अनाध्रश्य, कुण्डभेदी, विरवि, चित्रकुण्डल, प्रधम,  अमाप्रमाथि, दीर्घरोमा, सुवीर्यवान, दीर्घबाहु, सुजात, कनकध्वज, कुण्डाशी, विरज, युयुत्सु, इसके अलावा...

आँखों में ख़ुशी, गर्व और सम्मान के आंसू

इस साल मेरा सात वर्षीय बेटा दूसरी कक्षा मैं प्रवेश पा गया ....क्लास मैं हमेशा से अव्वल आता रहा है !  पिछले दिनों तनख्वाह मिली तो मैं उसे नयी स्कूल ड्रेसऔर जूते दिलवाने के लिए बाज़ार ले गया ! बेटे ने  जूते लेने से ये कह कर मना कर दिया की पुराने जूतों को बस थोड़ी-सी मरम्मत की जरुरत है वो अभी इस  साल काम दे सकते हैं! अपने जूतों की बजाये उसने मुझे अपने दादा की कमजोर हो चुकी नज़र के लिए  नया चश्मा बनवाने को कहा ! मैंने सोचा बेटा अपने दादा से शायद बहुत प्यार करता है इसलिए अपने जूतों  की बजाय उनके चश्मे को ज्यादा जरूरी समझ रहा है ! खैर मैंने कुछ कहना जरुरी नहीं समझा और उसे  लेकर ड्रेस की दुकान पर पहुंचा.....दुकानदार ने बेटे के साइज़ की सफ़ेद शर्ट निकाली ...डाल कर देखने पर  शर्ट एक दम फिट थी.....फिर भी बेटे ने थोड़ी लम्बी शर्ट दिखाने को कहा !!!! मैंने बेटे से कहा : बेटा ये शर्ट  तुम्हें बिल्कुल सही है तो फिर और लम्बी क्यों ?  बेटे ने कहा : पिता जी मुझे शर्ट निक्कर के अंदर ही  डालनी होती है इसलिए थोड़ी लम्बी भी होगी तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा..........

जो मैं नहीं हुँ, वह होने का नाटक मैंनें कभी नहीं किया।

① उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक तुम अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते। ② जब मृत्यु निश्चत है तो सच्चे और ईमानदार उद्देश्य के लिए देह त्याग करना ही बेहतर है। ③ सत्य मेरा ईश्वर है, सनग्र जगत मेरा देश है। ④ मैं कायरता से घृणा करता हुँ। ⑤ संसार में स्वार्थशुन्य सहानुभूति विरल है। ⑥ मैं मन-कर्म-वचन से पवित्र, निस्वार्थ और निश्चल हो सकुं। ⑦ सांसारिक उन्नति के लिए मधूरभाषी होना कितना अच्छा होता है, यह मैं बखुबी जानता हूँ। ⑧ अच्छा काम बिना बाधा के संपन्न नहीं होता। ⑨ अनुभव ही एक मात्र शिक्षक है। ⑩ जो मैं नहीं हुँ, वह होने का नाटक मैंनें कभी नहीं किया।  By....Swami VivekaNand

क्या आप इन्टरनेट से कमाने के बारे में सोच रहे हैं ?

निश्चित तौर पर बहुत से लोग ऐसा सोचते हैं ,इस बारे में लुभावने और भ्रामक विज्ञापन भी देखने को मिलते हैं |कई लोग ठगे भी जाते हैं फिर भी कुछ ऐसे लोग है जो कमा रहे हैं | लेकिन जो लोग कमा रहे हैं वो ये स्वीकार तो करते हैं मगर तरीका नहीं बताते ,शायद इसके पीछे मूल भावना ये रहती होगी कि कौन फालतू के पचड़े में पड़े और अपना समय ख़राब करें | मगर ज्ञानी लोग कह गए हैं की सरस्वती के भण्डार की बड़ी अपूरब बात ,ज्यूँ खर्चे त्यूं बढे ,बिना खर्चे घट जात | मेरी पिछली पोस्ट में मेने गूगल adsense के बारे में बताया था ,इसी तरह की दूसरी कंपनिया भी हैं ,मगर अभी तक मैंने उनसे कमाया नहीं इसलिए मैं उनका समर्थन नहीं करता | जिस दिन साबित हो जाएगा उस दिन इस बारे में आपसे जरुर चर्चा करूँगा | कुछ सलाह जो मैं देना चाहता हूँ ,आप किसी भी AD Network के लिए अप्लाई करें ध्यान में रखे - 1. आपके ब्लॉग का लेआउट और नेविगेशन साफ़ सुथरा और सरल हो |आपके पाठक को सामग्री आसानी से मिले ,जितना सादा रखेंगे उतनी ही तकनिकी गलतियाँ कम होगी जो कि एक मत्वपूर्ण बात हैं | 2.जन्हा तक हो कॉपी पेस्ट से बचे ,इस से आपके ब्लॉग की साख घटती हैं ,और आ...

खाना खा कर करे मोटापा और वजन कम

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मोटापा और वजन कम करने के लिए रेग्युलर डाइटिंग पुराना फैशन है। सोचिए, अगर कुछ ऐसा मिले जिसे खाने के बाद बॉडी फैट आसानी से बर्न हो जाए और कुछ करना भी न पड़े तो क्या कहने। डालते हैं नजर ऐसे ही 20 फैट गलाऊ फूड पर, जिन्हें आप अपने रेग्युलर डाइट में शामिल करके अपने शरीर में आसानी से फर्क महसूस कर सकते हैं: 1. ग्रीन टी : दिन भर में 3-5 बार ग्रीन टी पीने से बिना किसी कोशिश के 80 कैलरी बर्न की जा सकती है। 2. कोकोनट: इसमें भरपूर मात्रा में मीडियम चेन ट्राईग्लिसराइड्स होते हैं, जिससे बॉडी का मेटाबॉलिजम 30 पर्सेंट तक बढ़ जाता है। 3. लहसुन: इसमें पाया जाने वाला एलिसिन शरीर से फैट कम करने में मदद करता है। 4. लाल मिर्च: ये बॉडी टेंप्रेचर को बढ़ाने और मेटाबॉलिजम को तेज करने में मददगार होता है। 5. अदरक: सदियों से पेट की दिक्कतों के लिए इस्तेमाल होने वाला अदरक डाइजेस्ट करने की क्षमता को बेहतर करने के साथ-साथ पेट पर जमे फैट को कम करने में मदद करता है। 6. प्याज: कम कैलरी वाले प्याज को रेग्युलर डाइट का हिस्सा बनाएं। इससे कॉलेस्ट्राल की मात्रा घटाने में मदद मिलती है। 7. नींबू: लिवर में मौजूद टॉक्सिक एजेंट्स...

एलोवेरा (ग्वारपाठा या घृतकुमारी) के अदभूत फायदे

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एलोवेरा (ग्वारपाठा या घृतकुमारी) के अदभूत फायदे  है जानिए इसे  ************************** ******************** एलोवेरा भारत में ग्वारपाठा या घृतकुमारी हरी सब्जी के नाम से  प्राचीनकाल से जाना जाने वाला कांटेदार पत्तियों वाला पौधा है,  जिसमें रोग निवारण के गुण कूट-कूट कर भरे पड़े हैं। आयुर्वेद में  इसे घृतकुमारी की 'उपाधि' मिली हुई है तथा महाराजा का स्थान  दिया गया है। औषधि की दुनिया में इसे  संजीवनी भी कहा जाता  है। इसकी 200 जातियां होती हैं, परंतु प्रथम 5 ही मानव शरीर के  लिए उपयोगी हैं। रामायण, बाइबिल और वेदों में भी इस पौधे के गुणों की चर्चा की गई है। एलोवेरा का जूस पीने से कई वीमारियों का निदान हो जाता है। आयुर्वेदिक पद्धति के मु‍ताबिक इसके सेवन से वायुजनित रोग, पेट के रोग, जोडों के दर्द, अल्सर, अम्लनपित्त आदि बीमारियां दूर हो जाती हैं। इसके अलावा एलोवेरा को रक्त शोधक, पाचन क्रिया के लिए काफी गुणकारी माना जाता है। इसकी बारना डेंसीस नाम की जाति प्रथम स्थान पर है। इसमें 18 धातु, 15 एमीनो एसिड और 12 विटामिन मौजूद होते हैं। इसकी  तासीर गर...

माँ से प्यारा और क्या

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माँ से प्यारा और क्या ???? एक धनी व्यक्ति की माँ अक्सर बीमार रहती थी। माँ रोज बेटे-बहू को कहती थी कि बेटा, मुझे डॉक्टर के पास ले चल। बेटा भी रोज पत्नी को कह देता, माँ को ले जाना, मैं तो फैक्टरी के काम में व्यस्त रहता हूँ। क्या तुम माँ का चेकअप नहीं करा सकती हो? पत्नी भी लापरवाही से उत्तर दे देती, पिछले साल गई तो थी, डॉक्टर ने कोई ऑपरेशन का कहा है। जब तकलीफ होगी ले जाना और वह अपने काम में लग जाती। बेटा भी ब्रीफकेस उठाकर चलता हुआ बोल जाता कि माँ तुम भी थोड़ी सहनशक्ति रखा करो। फैक्टरी की पार्किंग में उस व्यक्ति को हमेशा एक निर्धन लड़का मिलता था। वह पार्किंग के पास ही बूट पॉलिश करता रहता। और जब कभी बूट पॉलिश का काम नहीं होता, तब वह वहाँ रखी गाड़ियों को कपड़े से साफ करता। गाड़ी वाले उसे जो भी 2-4 रुपए देते उसे ले लेता। धनी व्यक्ति और अन्य दूसरे लोग भी रोज मिलने से उसे पहचानने लग गए थे। लड़का भी जिस साहब से 5 रुपए मिलते उस साहब को लंबा सलाम ठोकता था। एक दिन की बात है धनी व्यक्ति शाम को मीटिंग लेकर अपने कैबिन में आकर बैठा। उसको एक जरूरी फोन पर जानकारी मिली, जो उसके घर से था। घर का नंबर मिलाया...

मिर्च के रायता और मिर्च के गुण

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हरी मिर्च का नाम सुनते ही कुछ लोगों को उस का तीखापन याद करके पसीने आ जाते है तो कुछ के मुंह में  पानी आजाता है | हरी मिर्च को यदि तरीके से खाया जाए यानी की उचित मात्र में खाया जाये तो वो औषधि का भी काम  करती है  | आइये जानते है कैसे  -: गर्मी के दिनों में यदि हम खाने के साथ हरी मिर्च खाए और फिर घर से  बाहर जाए तो कभी भी लू नहीं लग  सकती ! खून में हेमोग्लोबिन की कमी होने पर रोजाना खाने के साथ हरी मिर्च खाए  कुछ ही दिन मे  आराम मिल  जायेगा   | लाल मिर्च में भी औषधीय गुण होते है किन्तु हरी मिर्च सेहत के लि ए अधिक लाभकारी है |   मिर्च में अमीनो एसिड, एस्कार्बिक एसिड, फोलिक एसिड, सिट्रीक एसिड, ग्लीसरिक एसिड, मैलिक एसिड जैसे कई तत्व होते है जो हमारे स्वास्थ के साथ – साथ शरीर की त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद होता है    मिर्च के सेवन से भूखं कम लगती है और बार बार खाने की इच्छा नहीं होती जिससे वजन बढ़ने का खतरा कम हो जाता है। खाने के साथ,चटनी में या हरी मिर्च का अचार बना कर हम इस का उपयोग कर सकते है मिर्च का अचार तो लगभग सब ने ही...

भोजन करने सम्बन्धी कुछ जरुरी नियम

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भोजन करने सम्बन्धी कुछ जरुरी नियम ============================== १ पांच अंगो ( दो हाथ , २ पैर , मुख ) को अच्छी तरह से धो कर ही भोजन करे ! २. गीले पैरों खाने से आयु में वृद्धि होती है ! ३. प्रातः और सायं ही भोजन का विधान है !किउंकि पाचन क्रिया की जठराग्नि सूर्योदय से 2 ० घंटे बाद तक एवं सूर्यास्त से 2 : 3 0 घंटे पहले तक प्रवल रहती है ४. पूर्व और उत्तर दिशा की ओर मुह करके ही खाना चाहिए ! ५. दक्षिण दिशा की ओर किया हुआ भोजन प्रेत को प्राप्त होता है ! ६ . पश्चिम दिशा की ओर किया हुआ भोजन खाने से रोग की वृद्धि होती है ! ७. शैय्या पर , हाथ पर रख कर , टूटे फूटे वर्तनो में भोजन नहीं करना चाहिए ! ८. मल मूत्र का वेग होने पर,कलह के माहौल में,अधिक शोर में,पीपल,वट वृक्ष के नीचे,भोजन नहीं करना चाहिए ! ९ परोसे हुए भोजन की कभी निंदा नहीं करनी चाहिए ! १०. खाने से पूर्व अन्न देवता , अन्नपूर्णा माता की स्तुति कर के , उनका धन्यवाद देते हुए , तथा सभी भूखो को भोजन प्राप्त हो इस्वर से ऐसी प्राथना करके भोजन करना चाहिए ! ११. भोजन बनने वाला स्नान करके ही शुद्ध मन से, मंत्र जप करते हुए ही रसोई में भोजन बनाये और सब...

छोटा से पिन के द्वारा कहे दिल की बात..

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 छोटा से पिन के द्वारा कहे  दिल की बात..   कभी न कभी कहीं न कहीं कुछ न कुछ दिल से कहना ही होता है और उसके लिये आवश्यकता होती है- कुछ नया, कुछ विशेष, कुछ रोचक और कुछ रोमांचक करने की। साथ ही ऐसा भी हो जिसमें आपकी सुरुचि झलके पर जेब खाली न हो। बस तो इस बार ऐसा अवसर आए तो चूकें नहीं। यह छोटा-सा आसान-सा तरीका अपनाकर देखें। किसी कार्ड में विशेष संदेश टाँकना हो या फूलों के साथ कार्ड पर एक छोटा सा प्रेम का प्रतीक बैठाना हो या फिर मिठाइयों के डब्बे के साथ लगे कार्ड पर अपने स्नेह जताना हो तो साथ ये पिन चुपचाप आपका संदेश पहुँचा देंगे। तकलीफ सिर्फ इतनी सी है कि बाजार से किसी लाल या गुलाबी की आकर्षक छवि के ये पिन ढूँढने होंगे। कैसे बनाना है यह तो चित्र में दिखाया ही गया है।   किसी औजार की जरूरत नहीं यह हाथ से ही मुड़ जाता है।

मिस्र के पिरामिड .... हमारे पारंपरिक मंदिरों से प्रेरित होकर बनाए गए हैं

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Poonam253.com क्या आप जानते हैं कि..... मिस्र के विश्व प्रसिद्ध.... एवं, दुनिया के महानतम आश्चर्यों में शुमार .... पिरामिड .... कोई नई वास्तु संरचना नहीं है ..... बल्कि, पिरामिडों को..... हमारी पारंपरिक मंदिरों को नक़ल कर बनाई गई है.....! अगर इसे ज्यादा सभ्य और आधुनिक भाषा में बोल जाए तो..... मिस्र के पिरामिड .... हमारे पारंपरिक मंदिरों से प्रेरित होकर बनाए गए हैं....! दरअसल.... हमारी पारंपरिक वास्तुकला  बहुत ही सीधी और सरल है.... और, जो समय की कसौटी पर बिल्कुल खरे उतरते हैं....! हमारी संरचनाओं में .... बीम और छत और अहाते का कुछ इस प्रकार प्रयोग किया गया है .... ताकि, वहां धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्य सुचारू रूप से किए जा सकें....! ध्यान दें कि..... मंदिरों में ... शिखर...... मंदिर की सबसे उत्कृष्ट तत्व रहता है.... और, प्रवेश द्वार आमतौर पर मामूली होता है ... तथा ......मंदिर परिसर ....मंदिरों के गर्भ गृह के ही आस पास .... बनाया जाता है ...... जो कार्डिनल दिशाओं के लिए उन्मुख होता है..... जो हमारे ब्रह्माण्ड के ... विद्युत् चुम्बकीय तरंगों को नियंत्रित करते हैं....! असल में.... हमार...

करेले के फायदे

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 ! करेले के फायदे ! करेले का स्वाद भले ही आपकी जुबान को भाए या न भाए लेकिन सेहत की नजर में इसके फायदे वजन घटाने से लेकर डायबिटीज, किडनी का स्टोन आदि रोगों में संजीवनी बूटी से कम नहीं है। आइए जानें, डाइट में करेला शामिल करने से आप सेहत से जुड़ी किन समस्याओं से दूर रहेंगे और इसे सिर्फ डायबिटिक का भोजन समझने के बजाय अन्य फायदों पर भी गौर करेंगे। लिवर से जुड़े रोगों में करेला लिवर की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। यह लिवर साफ करता है और इसक ी कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। इससे लिवर लंबे समय तक ठीक तरह से काम करता है और इससे जुड़ी समस्याएं कम होती हैं। डायबिटीज टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए करेला बहुत फायदेमंद है। यह रक्त में शुगर का स्तर नियंत्रित रखता है और इन्सुलिन बनाए रखने में मदद करता है। वजन घटाने में मददगार करेला पाचन के लिए काफी अच्छा है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स मेटाबॉलिक रेट बढ़ाते हैं जिससे कैलोरी तेजी से बर्न होती है। इसके अलावा, इसमें कैलोरी बहुत कम होती है। वजन घटाने के लिए अपने डाइट प्लान में इसे जरूर शामिल करें। किडनी का स्टोन किडनी के स्टोन के मरीजों के लि...

जिस परिवार में प्रेम है वहा दुनिया की सारी खुशिया है

 !! जिस परिवार में प्रेम है वहा दुनिया की सारी खुशिया है !!  एक दिन एक औरत अपने घर के बाहर आई और उसने तीन संतों को अपने घर के सामने देखा। वह उन्हें जानती नहीं थी। औरत ने कहा – “कृपया भीतर आइये और भोजन करिए।” संत बोले – “क्या तुम्हारे पति घर पर हैं?” औरत ने कहा – “नहीं, वे अभी बाहर गए हैं।” संत बोले – “हम तभी भीतर आयेंगे जब वह घर पर हों।” शाम को उस औरत कापति घर आया और औरत ने उसे यह सबबताया। औरत के पति ने कहा – “जाओ और उनसे कहो कि मैं घर आ गया हूँ औ र उनको आदर सहित बुलाओ।” औरत बाहर गई और उनको भीतर आने के लिए कहा। संत बोले – “हम सबकिसी भी घर में एक साथ नहीं जाते।” “पर क्यों?” – औरत ने पूछा। उनमें से एक संत ने कहा – “मेरा नाम धन है” – फ़िर दूसरे संतों की ओर इशारा कर के कहा – “इन दोनों के नाम सफलता और प्रेम हैं। हममें से कोई एक ही भीतर आ सकता है। आप घर के अन्य सदस्यों से मिलकर तय कर लें कि भीतर किसे निमंत्रित करना है।” औरत ने भीतर जाकर अपने पति को यह सब बताया। उसका पति बहुत प्रसन्न हो गया और बोला – “यदि ऐसा है तो हमें धन को आमंत्रित करना चाहिए। हमारा घर खुशियों से भर जाएगा।” लेकिन ...

पशु-पक्षी समाज में स्त्री जाति की प्रधानता और सोसल मीडिया

   अक्सर डिस्कवरी देखती  हूँ तो पाती  हूँ कि पशु-पक्षी समाज में स्त्री जाति की प्रधानता होती है। उन लोगों के यहाँ हमारे तरह पुरुषप्रधान समाज नहीं हुआ करते। वैसे हमारे यहाँ भी "पुरुषप्रधान" तो सिर्फ़ कहने को ही है, वास्तविकता से सामना तो शादी के बाद ही होता है कि प्रधान पुरुष है या स्त्री। परंतु शादी से पहले तो सामान्यतः पुरुष ही प्रधान होता है। अगर नहीं है तो भगवान उस दीन प्राणी की आत्मा शान्त रखे!  :) हाँ , तो मैं पशु-पक्षियों की बात कर रही  थी । उनके समाज में स्त्रियों की प्रधानता का अन्दाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उनमें जीवनसाथी का चुनाव भी मादा ही करती है। यही नहीं, मकड़ी की कुछ प्रजातियों में तो मादा समागम के बाद अपने नर साथी को खा भी लेती हैं। क्यों डर गये ना! और नर मादा को रिझाने के लिये ना जाने क्या-क्या किया करते हैं। कोई नर अपने सतरगी पंखों को फ़ैला कर नाच दिखाता है, तो कोई तरह-तरह की आवाजें निकालता है। कोई तरह-तरह के श्रंगार  करता है तो कोई अपने प्रतिद्वंदी को हराता है। घड़ियाल मादा को पाने के लिए अपने प्रतिद्वंदी से घम...

अकल की दुकान

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अकल की दुकान एक था रौनक। जैसा नाम वैसा रूप। अकल में भी उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता था। एक दिन उसने घर के बाहरबड़े-बड़े अक्षरों में लिखा- 'यहां अकल बिकती है।' उसका घर बीच बाजार में था। हर आने-जाने वाला वहां से जरूर गुजरता था। हर कोई बोर्ड देखता, हंसना और आगे बढ़ जाता। रौनक को विश्वास था कि उसकी दुकान एक दिन जरूर चलेगी। एक दिन एक अमीर महाजन का बेटा वहां से गुजरा। दुकान देखकर उससे रहा नहीं गया। उसने अंदर जाकर रौनक से पूछा- 'यहां कैसी अकल मिलती है और उसकी कीमत क्या है? ' उसने कहा- 'यह इस बात पर निर्भर करता है कि तुम इस पर कितना पैसा खर्च कर सकते हो।' गंपू ने जेब से एक रुपया निकालकर पूछा- 'इस रुपए के बदले कौन-सी अकल मिलेगी और कितनी?' 'भई, एक रुपए की अकल से तुम एक लाख रुपया बचा सकते हो।' गंपू ने एक रुपया दे दिया। बदले में रौनक ने एक कागज पर लिखकर दिया- 'जहां दो आदमी लड़-झगड़ रहे हों, वहां खड़े रहना बेवकूफी है।' गंपू घर पहुंचा और उसने अपने पिता को कागज दिखाया। कंजूस पिता ने कागज पढ़ा तो वह गुस्से से आगबबूला हो गया। गंपू को कोसते...

सदियाँ बीत जाती हैं, उसे फिर भूल पाने में

!!!!आंसू - आंसू जीवन की मधुशाला है  क्या है बोलो प्रेम, जहर का प्याला है  रोते -रोते खुद ही चुप हो जाते हैं किससे रूठें, कौन मनाने वाला है! कभी आँखों के गौहर तो कभी, ज़ज्बात के मोती ...... ना पूंछो क्या नहीं खोया है हमने तुमको पाने में .... एक पल भी नहीं लगता किसी से दिल लगाने में ... की सदियाँ बीत जाती हैं, उसे फिर भूल पाने में ...!!