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Showing posts from November, 2014

रोजाना कंप्यूटर चलाने वालों के लिए कमाल के शॉर्टकटस -

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खुली विंडोज बंद करें ब्राउजर पर फटाफट विंडोज बंद करने के लिए कंट्रोल डब्लू या कंट्रोल एफ4 दबाएं। दुबारा खोलने के लिए कंट्रोल + शिफ्ट + टी दबाएं। . एक साथ सभी विंडोज बंद करने के लिए कंट्रोल + शिफ्ट + डब्लू पे्रस करें। विंडो मिनीमाइज करें ब्राउजर पर विंडो मिनीमाइज करने के लिए विंडोज लोगो + एम का इस्तेमाल करें। . साइज छोटा या बड़ा करें किसी भी साइट को बड़ा करने के लिए कंट्रोल + और छोटा करने के लिए कंट्रोल - दबाएं। किसी शब्द को छोटा बड़ा करने के लिए उसे सलेक्ट कर क्रमश: कंट्रोल - या + दबाएं। एक से दूसरी विंडो में जाना ब्राउजर पर काम करने के दौरान अक्सर हम एक से ज्यादा विंडो खोलकर काम करते हैं। ऎसे में एक से दूसरी विंडो पर जाने के लिए ऑल्ट + टैब बटन का इस्तेमाल किया जा सकता है। टैब में स्विच करने के लिए कंट्रोल + टैब बटन का इस्तेमाल किया जा सकता है। कंप्यूटर लॉगऑफ करें कंप्यूटर सिस्टम बंद करने के लिए विंडोज लोगो + एल का इस्तेमाल करें। खुली हुई विंडो बंद करने के लिए ऑल्ट एफ4 बटन दबाएं। नया टैब खोलें ब्राउजर में नया टैब खोलने के लिए कंट्रोल + टी का इस्तेमाल करें। फोल्डर का नाम बदलना अपने कंप्...

हम होटल में खाते वक्त नहीं सोचते,कैसे चुकाते है ज्यादा पैसे

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हर दिन हमारे देश में लाखों लोग सर्विस टैक्स के नाम पर ज्यादा पैसा चुका कर घर वापस आ जाते हैं। और उनको पता भी नहीं होता है कि ज्यादा पैसे के नाम पर चूना लगा दिया गया है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर ये ज्यादा पैसे और चूने का माजरा क्या है? तो जनाब इसका जवाब है सर्विस टैक्स और सर्विस चार्ज की थ्योरी में।चाहती हूँ इस बारे मे अधिक से अधिक लोग जाने । क्या है सर्विस टैक्स: वह कर, जो आप सेवाओं पर देते हैं। जम्मू−कश्मीर के अलावा बाकी सभी राज्यों में सर्विस प्रोवाइडर को सर्विस टैक्स देना होता है। पहले यह 12 फीसदी था, लेकिन आर्थिक मंदी के चलते अब इसे घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। सर्विस टैक्स फोन, रेस्तरां में खाना, ब्यूटी पार्लर या जिम जाने जैसी सेवाओं पर वसूला जाता है। क्या है सर्विस चार्ज: टैक्स एक्सपर्ट सुजीत घोष के मुताबिक सर्विस चार्ज कस्टमर द्वारा दी जाने वाली फोर्सड टिप है। अलग-अलग सर्विस के लिए इसकी दर अलग-अलग है। डॉक्टर को दी जाने वाली फीस, घर बनवाने के लिए मिस्त्री को चुकाया गया पैसा, बैंक द्वारा कुछ सर्विस पर ली जाने वाली फीस, रेलवे रिजर्वेशन पर ली जाने वाली फीस और वकील को केस लड़ने क...

जाने मुंडन की परंपरा का वैज्ञानिक पहलु

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  हिंदू धर्म पद्धतियों में मुंडन संस्कार एक महत्वपूर्ण परंपरा है। बच्चों का मुंडन, किसी रिश्तेदार की मृत्यु के समय मुंडन। आखिर मुंडन कराने से क्या लाभ होता है। क्यों इन्हें संस्कारों में शामिल किया गया है। हिंदू धर्म के अनुसार मानव जीवन 84 लाख योनियों के बाद मिलता है। पिछले सभी जन्मों के ऋणों को उतारने तथा पिछले जन्मों के पाप कर्मों से मुक्ति के उद्देश्य से उसके जन्मकालीन केश काटे जाते हैं। मुंडन के वक्त कहीं-कहीं शिखा छोड़ने का भी प्रयोजन है, जिसके पीछे मान्यता यह है कि इससे दिमाग की रक्षा होती है। साथ ही, इससे राहु ग्रह की शांति होती है, जिसके फलस्वरूप सिर ठंडा रहता है। मुंडन से लाभ : बाल कटवाने से शरीर की अनावश्यक गर्मी निकल जाती है, दिमाग व सिर ठंडा रहता है व बच्चों में दांत निकलते समय होने वाला सिर दर्द व तालु का कांपना बंद हो जाता है। शरीर पर और विशेषकर सिर पर विटामिन-डी (धूप के रूप) में पड़ने से कोशिकाएं जाग्रत होकर खून का प्रसारण अच्छी तरह कर पाती हैं जिनसे भविष्य में आने वाले केश बेहतर होते हैं।  वास्तव में मुंडन संस्कार सीधे हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा है। इसके लिए इस परं...

आदमी को मारा आदमी के गुमान ने....

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हाथी के दुश्मन हो गए हाथी दाँत, गेंडे के दुश्मन उसी के सींग, हिरनों का बैरी हुआ उन्हीं का चर्म, शेरों-बाघों की शत्रु उन्हीं की खाल और अवयव. विषधर का शत्रु हुआ उसी का विष, समूर की ज़ान का गाहक हुआ उसी का लोम , आदमी को मारा आदमी के गुमान ने कोयले को मारा अंदर के खान ने कर्ण को मारा, कर्ण के दान ने जान को मारा जहान ने...  इसी तरह प्रेमियों की जान ली प्रेम ने सुकरात को मारा सत्य ने, ईसा को प्रेम ने, और करूणा ने कृष्ण को गाँधी को मारा गोडसे ने नहीं, गाँधी के उदात्त ने।  नदी का शत्रु हुआ उसका प्रवाह, पहाड़ को डसा ऊँचाई ने, और वनों की देह छलनी की काठ ने।  इसी तरह इसी तरह आदमी के भीतर आदमी को मारा आदमी के गुमान ने? तो सुनों, दोस्तों!  चलो मारे अंदर के काले बलवान को अंदर पलते झूठे अभिमान को आत्म प्रशंसा में मग्न महान को एक अच्छे, सुसंस्कृत, गरिमामय भारत के निर्मान को #सुधीर सक्सेना  

एक डोली चली एक अर्थी चली,,

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एक डोली चली एक अर्थी चली,, बात दोनों में कुछ इस तरह से चली , बोली डोली तुम्हे किसने धोका दिया, तेरा ये क्या किया ?? तू बता दे जरा मुझको ए दिल जली, कहाँ तू चली...?? अर्थी बोली ....... चार तुझमे लगे, चार मुझमे लगे (कंधे) फुल तुझपे सजे, फुल मुझपे सजे, फर्क इतना ही है अब सुन ले सखी, तू पिया को चली मै प्रभु को चली ..!! मांग तेरी भरी, मांग मेरी भरी , चूड़ी तेरी हरी, चूड़ी मेरी हरी , फर्क इतना ही है अब सुन ले सखी.. तू जहाँ में चली, मै जहाँ से चली..!! एक सजन तेरा खुश हो जायेगा , एक सजन मेरा मुझको रो जायेगा , फर्क इतना ही है अब सुन ले सखी,, तू विदा हो चली .... मै अलविदा हो चली ...!!!

कौओं एवं उल्लू की कहानी

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कहा जाता है कि एक पहाड़ में एक लम्बे चौड़े पेड़ पर कौओं का घोसला था कि जो दूर से देखने पर काले वृक्ष के पत्तों की भांति प्रतीत होता था. इस लिए कि अधिक संख्या में कौए पत्तों की हरियाली को छिपा लेते थे. पेड़ से कुछ नीचे एक अंधेरी ग़ुफ़ा थी कि जिसमें उल्लू रहा करते थे. वे दिन में ग़ुफ़ा में रहते थे और रात को शिकार के लिए जाते थे. सामूहिक रूप से उल्लूओं के शिकार से कौए भयभीत थे। उन्हें हर रात यह डर सताता था कि कहीं उल्लू हमला नहीं कर दें। अंततः एक रात ऐसा हो गया। उस रात आसमान इतना साफ़ था कि चांद की ऊंचाईयों एवं निचाईयों को देखा जा सरका था। कौए सोए हुए थे। युवा संतरी ख़यालों एवं सपनों में खोया हुआ था और एक डाली पर बैठा झींगुरों की आवाज़ सुन रहा था। जैसे ही उसने आसमान की ओर देखा उसे काले बादल की एक टुकड़ी दिखायी दी कि जो चल रही थी, उसे आश्चर्य हुआ कि क्या साफ़ मौसम और चांदनी रात में काला एवं सकता है बड़ा बादल हो। बादल की टुकड़ी उसी प्रकार चल रही थी और आगे आ रही थी एक ही क्षण में कौआ भयभीत हो उठा। जो कुछ देख रहा था उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि वह काले बादल की टुकड़ी नहीं थी उल्लू थे कि जो उ...

क्यो है कौए और उल्लू में शत्रुता - कहानी

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(भारतीय साहित्य की नीति कथाओं का विश्व में महत्वपूर्ण स्थान है। पंचतंत्र उनमें प्रमुख है। पंचतंत्र की रचना विष्णु शर्मा नामक व्यक्ति ने की थी। उन्होंने एक राजा के मूर्ख बेटों को शिक्षित करने के लिए इस पुस्तक की रचना की थी। पांच अध्याय में लिखे जाने के कारण इस पुस्तक का नाम पंचतंत्र रखा गया। इस किताब में जानवरों को पात्र बना कर शिक्षाप्रद बातें लिखी गई हैं। इसमें मुख्यत: पिंगलक नामक सिंह के  सियार मंत्री के दो बेटों दमनक और करटक के बीच के संवादों और कथाओं के जरिए व्यावहारिक ज्ञान की शिक्षा दी गई है। सभी कहानियां प्राय: करटक और दमनक के मुंह से  सुनाई गई हैं।) एक समय की बात है कि हंस, तोता, बगुला, कोयल, चातक, कबूतर, मुर्गा आदि प्रमुख पक्षियों की एक विराट सभा आयोजित की गई। उसमें यह विचार होने लगा कि यद्यपि गरुड़ हम पक्षियों का राजा है, किन्तु वह भगवान की सेवा में इतना व्यस्त रहता है कि पक्षियों का हित-साधन करने का उसको अवकाश ही नहीं। तभी यह विचार आया कि ऐसे व्यर्थ के राजा का लाभ ही क्या है जो बहेलियों के पाश में बंधकर नित्य छटपटाने वाले हम पक्षियों की रक्षा भी नहीं कर ...

टेलीग्राम app

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टेलीग्राम  क्या   है ----- ये  नया भारतीय एप्प टेलीग्राम  Whattsapp का प्रतिद्वंद्वी साबित हो रहा है , और टेलीग्राम  मुफ्त संदेश देने मे जो  (एक, 50 से अधिक हो सकता है) अपने प्रतिद्वंद्वी watsup की तुलना में अधिक लाभ प्रद है ।  Play Store से सीधे तौर पर Telegramलिख कर  नि: शुल्क प्राप्त कर सकते है ।  तार के साथ आप क्लाउड में चाहते सभी तस्वीरें या वीडियो स्टोर कर सकते हैं, पोस्ट होने के अलावा किसी भी डिवाइस  word ,excel और adobe की file   से उपयोग कर सकते हैं। यह किसी भी विज्ञापन के बिना सुरक्षित बात करने के लिए इसमे एक  आवेदन है, और इतना वादा हमेशा के लिए रखा गया है ।   टेलीग्राम app सर्वशक्तिमान WhatsApp को कड़ी टक्कर के रूप में सामने आया है। एंड्रॉयड और आईओएस - डाउनलोड लिंक यदि आप सरकारी एंड्रॉयड ऐप स्टोर से सीधे डाउनलोड कर सकते हैं । इसके अलावा  एंड्रॉयड डिवाइस मे  स्टोर <प्ले स्टोर> गूगल या गूगल सिघे तौर पर भी जाना जाता है: catagary = "wpappbox फ़ीड googleplay"> <टीडी शैली विंडोज, लिनक्स और म...

दातुन के फायदे के आगे टूथब्रश बेकार है ।

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दातुन के इन फायदों को जानकर टूथब्रश करना छोड़ देंगे------ आज कल हर घर में दांत साफ करने के लिए लोग टूथब्रश का इस्तेमाल करने लगे हैं। जबकि दातुन के इतने फायदे हैं जिसे जानकर आप टूथब्रश की बजया दातुन का इस्तेमाल करने लगेंगे। दातुन न सिर्फ आपकी सेहत और बौद्घिक क्षमता के लिए बेहतर है बल्कि दातुन धर्म और अध्यात्म की दृष्टि से भी उत्तम बताया गया है। यही कारण है कि व्रत, त्योहार के दिन बहुत से लोग ब्रश की बजाय दातुन से दांत साफ करते हैं। धार्मिक दृष्टि से दातुन का महत्व इसलिए बताया गया है कि क्योंकि दातुन जूठा नहीं होता जबकि टुथब्रश आप हर दिन नया नहीं प्रयोग करते। एक ही टूथब्रश को धोकर आप कई बार इस्तेमाल करते हैं। इससे ब्रश शुद्घ और पवित्र नहीं रह जाता है। इसलिए व्रत और त्योहार के दिन ब्रश करना शास्त्रों की दृष्टि से उचित नहीं है। जबकि आयुर्वेद के अनुसार दातुन करने का फायदा चौंकाने वाला है। विभिन्न वृक्षो से प्राप्त दातुनों के फायदे (आयुर्वेदनुसार)------- बबूल आयुर्वेद में बताया गया है कि दातुन सिर्फ आपके दांतों को ही चमकाता नहीं है बल्कि यह आपकी बौद्घिक क्षमता और स्मरण शक्ति को भी बढ़ता है। ...

कबरी बिल्ली ,प्रायश्चित - भगवतीचरण शर्मा

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अगर कबरी बिल्ली घर-भर में किसी से प्रेम करती थी, तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में किसी से घृणा करती थी, तो कबरी बिल्ली से. रामू की बहू, दो महीने हुए मायके से प्रथम बार ससुराल आई थी, पति की प्यारी और सास की दुलारी, चौदह वर्ष की बालिका।  भंडार-घर की चाभी उसकी करधनी में लटकने लगी, नौकरों पर उसका हुक्म चलने लगा, और रामू की बहू घर में सब कुछ. सासजी ने माला ली और पूजा-पाठ में मन लगाया। लेकिन ठहरी चौदह वर्ष की बालिका, कभी भंडार-घर खुला है, तो कभी भंडार-घर में बैठे-बैठे सो गई. कबरी बिल्ली को मौका मिला, घी-दूध पर अब वह जुट गई. रामू की बहू की जान आफत में और कबरी बिल्ली के छक्के पंजे. रामू की बहू हाँडी में घी रखते-रखते ऊँघ गई और बचा हुआ घी कबरी के पेट में. रामू की बहू दूध ढककर मिसरानी को जिंस देने गई और दूध नदारद. अगर बात यहीं तक रह जाती, तो भी बुरा न था, कबरी रामू की बहू से कुछ ऐसा परच गई थी कि रामू की बहू के लिए खाना-पीना दुश्वार. रामू की बहू के कमरे में रबड़ी से भरी कटोरी पहुँची और रामू जब आए तब तक कटोरी साफ चटी हुई. बाजार से बालाई आई और जब तक रामू की बहू ने पान लगाया बालाई ...