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Showing posts from March, 2014

आज के युग का जिन्न

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एक नवविवाहित युवक अपनी पत्नी को अपनी पसंदीदा जगहों की सैर करा रहा था, सो, वह पत्नी को उस स्टेडियम में भी ले गया, जहां वह क्रिकेट खेला करता था... अचानक वह पत्नी से बोला, `क्यों न तुम भी बल्ले पर अपना हाथ आज़माकर देखो... हो सकता है, तुम अच्छा खेल पाओ, और मुझे अभ्यास के लिए एक साथी घर पर ही मिल जाए...` पत्नी भी मूड में थी, सो, तुरंत हामी भर दी और बल्ला हाथ में थामकर तैयार हो गई... पति ने गेंद फेंकी, और पत्नी ने बल्ला घुमा दिया... इत्तफाक से गेंद बल्ले के बीचोंबीच टकराई, और स्टेडियम के बाहर पहुंच गई... पति-पत्नी गेंद तलाशने बाहर की तरफ आए तो देखा, गेंद ने करीब ही बने एक सुनसान-से घर की पहली मंज़िल पर बने कमरे की खिड़की का कांच तोड़ दिया है... अब पति-पत्नी मकान-मालिक की गालियां सुनने के लिए खुद को तैयार करने के बाद सीढ़ियों की तरफ बढ़े, और पहली मंज़िल पर बने एकमात्र कमरे तक पहुंच गए... दरवाजा खटखटाया, तो भीतर से आवाज़ आई, `अंदर आ जाओ...` जब दोनों दरवाजा खोलकर भीतर घुसे तो हर तरफ कांच ही कांच फैला दिखाई दिया, और उसके अलावा कांच ही की एक टूटी बोतल भी नज़र आई... वहीं सोफे पर हट्टा-कट्टा आदमी ब...

अमेरिका में भारतीय बीड़ी पर पाबंदी

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वॉशिंगटन। अमेरिका ने एक भारतीय कंपनी द्वारा बनाई जा रही बीड़ी पर पाबंदी लगा दी है। अमेरिकी खाद्य तथा औषधी विभाग ने जश इंटरनेशनल पर यह कार्रवाई की है। विभाग द्वारा जारी बयान के मुताबिक, अब इस कंपनी की बनाई छोटी सिगरेट (बीड़ी) अमेरिका में नहीं बेची जाएगी, क्योंकि इस कंपनी के उत्पाद मापदंडों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। 2011 के सर्वे के मुताबिक, अमेरिका में भी बीड़ी का काफी सेवन होता है। यहां तक कि 1.7 फीसदी स्कूल बच्चे बीड़ी पीते हैं। - See more at: http://naidunia.jagran.com/world/-us-bans-bidis-made-by-indian-tobacco-company-38484#sthash.39E4RI8n.dpuf वॉशिंगटन। अमेरिका ने एक भारतीय कंपनी द्वारा बनाई जा रही बीड़ी पर पाबंदी लगा दी है। अमेरिकी खाद्य तथा औषधी विभाग ने जश इंटरनेशनल पर यह कार्रवाई की है।वॉशिंगटन। अमेरिका ने एक भारतीय कंपनी द्वारा बनाई जा रही बीड़ी पर पाबंदी लगा दी है। अमेरिकी खाद्य तथा औषधी विभाग ने जश इंटरनेशनल पर यह कार्रवाई की है। विभाग द्वारा जारी बयान के मुताबिक, अब इस कंपनी की बनाई छोटी सिगरेट (बीड़ी) अमेरिका में नहीं बेची जाएगी, क्योंकि इस कंपनी के उत्पाद मापदंडो...

अँगूठी की कीमत ....

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अँगूठी * खान साहब ने अपने लिये शादी का इश्तेहार दिया तो कई लड़कियों के  रिश्ते आ गये। काम काज और  संपत्ति के बारे में पूछने पर खान साहब सबको यही बताते “मैं तो  किराये के मकान मे रहता हूं। कभी मेरा  अच्छा खासा व्यापार भी था पर माँ बाप की लम्बी बीमारी की वजह से  घर में ना तो कुछ पैसा ही बच पाया  और काम धंधे पर भी ध्यान नहीं दे सका. लेकिन अब दोनो के इंतकाल  हो जाने के बा द फिर से कुछ  करने का इरादा है. संपत्ति के नाम पर मेरे पास बस उँगली में पहनी यह एक  अँगूठी ही रह गयी है। बाकी  सब बिक गया. मैं शरीफ खानदान का हूँ और अपनी बीवी को भी हमेशा सुखी रखूँगा यह मेरा वादा है. ऐसे  हालात में जो भी लड़की मुझसे शादी करना चाहे हाँ कर सकती है ” दस लड़कियों के रिश्ते आये और  फक्कड़ की बातों को सुनकर उनको पागल समझकर चले गये. ग्यारवां रिश्ता एक सरदारनी मंजीत कौर  का आया. उसे खान साहब की साफदिली ऐसी भाई कि उसने रिश्ते के लिये हाँ कर दी. शादी भी सादगी के  साथ हो गयी।  एक दिन मंजीत की सहेली आबिदा उससे मिलने उसके घर आयी. घर बहुत आलीशान ...

दुनिया का सबसे महंगा कुत्ता (20 लाख डालर)

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तिब्‍बती मैस्टिफ  चीन में तिब्‍बती मैस्टिफ प्रजाति का एक कुत्‍ता दुनिया का सबसे महंगा कुत्‍ता बन गया है। उसे झेजियांग प्रांत के एक शख्‍स ने 1 करोड़ 20 लाख युआन (लगभग 20 लाख डॉलर) भारतीय मुद्रा मे 12 करोड़ रु में खरीदा है। अपने अयाल (गर्दन के चारों ओर के बाल) के कारण बब्‍बर शेर की तरह दिखने वाले मैस्टिफ कुत्‍ते, अमीरों के बीच स्‍टेटस सिंबल बन चुके हैं। इस कुत्‍ते ने 2011 में लगी कीमत का रिकॉर्ड तोड़ा है। तब एक रेड मैस्टिफ कुत्‍ते के लिए 15 लाख डॉलर की राशि चुकाई गई थी। तिब्‍बती मैस्टिफ

गुलकंद

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गुलकंद से उपचार एव बनाने की विधि :: गुलकंद एक आयुर्वेदिक टॉनिक है . गुलाब के फूल की भीनी - भीनी खुशबू और पंखुड़ियों के औषधीय गुण से भरपूर गुलकंद को नियमित खाने पर पित्त के दोष दूर होते हैं तथा इससे कफ में भी राहत मिलती है . गर्मियों के मौसम में गुलकंद कई तरह के फायदे पहुंचाता है . गुलकंद कील मुहांसो को दूर करता है अरु रक्त शुद्ध करता है , हाजमा दुरुस्त रखता है और आलस्य दूर करता है . गुलकंद शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और कब्ज को भी दूर करता है सीने की जलन और हड्डियो के रोगो में लाभकारी है , सुबह - . शाम एक - एक चम्मच गुलकंद खाने पर मसूढ़ों में सूजन या खून आने की समस्या दूर हो जाती है . पीरियड के दौरान गुलकंद खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है . मुंह का अल्सर दूर करने के लिए भी गुलकंद खाना फायदेमंद होता है . गुलकंद बनाने की विधि :: समाग्री :: ताजी गुलाब की पंखुडियां , बराबर मात्रा में चीनी , एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ विधि :: गुलाब की ताजी व खुली पंखुडियॉं लें , अब कांच की बडे मुंह की बोतल लें इसमें थोडी पंखुडियां डालें अब चीनी डालें फिर पंखुडियां फिर चीनी अब एक...

साहूकार की आत्मा

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एक बार एक लाला जी ( साहूकार) थे , उनका एकमात्र काम सारे गाँव को परेशान करना और कष्ट पहुंचाना था कभी सूद के नाम पर झूठे मुकद्दमें लिखाते तो कभी किसी और बहाने से कोर्ट कचहरी में गाँव भर को परेशान किये रहते थे ,  बीमार पड़े तो तो गाँव वालों से कहा कि ' हम सोच रहे है कि आप सब को हमने बहुत कष्ट दिए है , अब प्रायश्चित ही कर लें ' ........... ,  आप सब हमें सजा दीजियेगा मरने के बाद हमारी छाती में खूंटा गाड़ दीजियेगा और इस तरह शायद मेरी दुष्टात्मा को शांति मिल जाए ,  लाला जी के मरने पर गाँव वालों ने वैसा ही किया , तुरंत पुलिस आयी कईयों को पकड़ कर ले गयी , क्योंकि लाला जी मरने के पहले पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखा गए थे कि गाँव के कुछ लोग हमारी छाती में ' खूँटा ठोक ' कर हमें मारने का प्लान बना रहे है , और इस तरह मरकर भी लाला जी ने गाँव को नहीं छोड़ा , साथियोँ दुष्टात्मायें ऐसी ही होती है ......!! 

“जैसी प्रभु की इच्छा !”

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घने जंगल से गुजरती हुई सड़क के किनारे एक ज्ञानी गुरु अपने चेले के साथ एक साइनबोर्ड लगाकर बैठे हुए थे, जिस पर लिखा था - “ठहरिये … आपका अंत निकट है ! इससे पहले कि बहुत देर हो जाये , रुकिए ! … हम आपका जीवन बचा सकते हैं !” एक कार फर्राटा भरते हुए वहाँ से गुजरी. चेले ने ड्राईवर को बोर्ड पढ़ने के लिए इशारा किया … ड्राईवर ने बोर्ड की ओर देखकर भद्दी सी गाली दी और चेले से यह कहता हुआ निकल गया – “तुम लोग बियाबान जंगल में भी धंधा कर रहे हो ! शर्म आनी चाहिए !” चेले ने असहाय नज़रों से गुरूजी की ओर देखा. गुरूजी बोले – “जैसे प्रभु की इच्छा !” कुछ ही पल बाद कार के ब्रेकों के चीखने की आवाज आई और एक जोरदार धमाका हुआ. कुछ देर बाद एक मिनी-ट्रक निकला. उसका ड्राईवर भी चेले को दुत्कारते हुए बिना रुके आगे चला गया. कुछ ही पल बाद फिर ब्रेकों के चीखने की आवाज़ और फिर धड़ाम …. ! गुरूजी फिर बोले – “जैसी प्रभु की इच्छा !” अब चेले से नहीं रहा गया. बोला – “गुरूजी, प्रभु की इच्छा तो ठीक है पर कैसा रहे यदि हम इस बोर्ड पर सीधे-सीधे लिख दें कि - . . ‘आगे पुलिया टूटी हुई है’ … !!!”

"दर्द सीने में बहुत गहरा हैं"

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दर्द सीने में बहुत गहरा हैं हरपल उसपर तन्हाइयो का पहरा है प्यार/इश्क/महोब्बत सब करके देखा उसने फिर जाना यहा हर शख्स ही बहरा है अब तो परिंदे भी आजादी से घुम नही सकते आकाश में भी अब झख्मी हवाओ का पहरा है दरख्त भी उगते है यहा ये सोच सोचकर जो सर उठायेगा वही पहले कलम होगा दह्सत्गार्दो का आज हर मोड़ पर बसेरा है वह जो चलती है सगीन राहो पर कुमारी क्या जाने नजरो का वो मिजाज तुम्हारी फिर भी हालातो से लड़ते लड़ते मंजिल पाना सीख गयी अब हर नारी ।।                                                                                   # रुचिर अक्षर

बातों का फिल्टरेशन , सुकरात

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प्राचीन यूनान में सुकरात को महाज्ञानी माना जाता था. एक दिन उनकी जान पहचान का एक व्यक्ति उनसे मिला और बोला, ” क्या आप जानते हैं मैंने आपके एक दोस्त के बारे में क्या सुना ?” “एक मिनट रुको,” सुकरात ने कहा, ” तुम्हारे कुछ बताने से पहले मैं चाहता हूँ कि तुम एक छोटा सा टेस्ट पास करो. इसे ट्रिपल फ़िल्टर टेस्ट कहते हैं.” “ट्रिपल फ़िल्टर ?” ” हाँ, सही सुना तुमने.”, सुकरात ने बोलना जारी रखा.” इससे पहले की तु म मेरे दोस्त के बारे कुछ बताओ , अच्छा होगा कि हम कुछ समय लें और जो तुम कहने जा रहे हो उसे फ़िल्टर कर लें. इसीलिए मैं इसे ट्रिपल फ़िल्टर टेस्ट कहता हूँ. पहला फ़िल्टर है सत्य. क्या तुम पूरी तरह आश्वस्त हो कि जो तुम कहने जा रहे हो वो सत्य है? “नहीं”, व्यक्ति बोला, ” दरअसल मैंने ये किसी से सुना है और ….” ” ठीक है”, सुकरात ने कहा. ” तो तुम विश्वास के साथ नहीं कह सकते कि ये सत्य है या असत्य. चलो अब दूसरा फ़िल्टर ट्राई करते हैं, अच्छाई का फ़िल्टर. ये बताओ कि जो बात तुम मेरे दोस्त के बारे में कहने जा रहे हो क्या वो कुछ अच्छा है ?” ” नहीं , बल्कि ये तो इसके उलट…..” “तो”, सुकरात ने कहा , ” तुम मुझे कु...

जाने अंगूर से होने वाले फायदे

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अंगूर एक ऐसा फल है जो विश्व के लगभग सभी क्षेत्रों में दिखायी पड़ता है और बहुत से लोग इसे अत्याधिक पसन्द करते हैं . अंगूर बेल में फलता है . तथा मांसल और पौष्टिता से भरा होता है . इस का 79 प्रतिशत भाग पानी होता है तथा इसमें विभिन्न प्रकार की शर्करा , लवण और लाभदायक तत्व होते हैं .             अंगूर ( संस्कृत / शुद्ध हिन्दी : द्राक्षा ) एक फल है . अंगूर एक बलवर्घक एवं सौन्दर्यवर्घक फल है . अंगूर फल मां के दूघ के समान पोषक है . फलों में अंगूर सर्वोत्तम माना जाता है . यह निर्बल - सबल , स्वस्थ - अस्वस्थ आदि सभी के लिए समान उपयोगी होता है . अंगूर एक सुगंधित लता वाला फल है . अंगूर की पांच जातियां - तीन हरे और दो काले रंग की होती हैं . अंगूर में भस्म , अम्ल , शर्करा , गौंद , ग्लूकोज , कषाय द्रव्य , साइट्रिक , हाइट्रिक , रैसेमिक और मौलिक एसिड , सोडियम और पोटेशियम और क्लोराइड मेग्नीशियम आदि होता है . अंगूर फल भी है और आहार भी और हलवे की भांति मीठा और स्वादिष्ट है . अंगूर को केवल एक लाभदायक फल नहीं बल्कि इसे एक सम्मपूर्ण आहार की संज्ञा दी है . वर्तमान काल में भी आहार व...

नाम के पहले अक्षर से जाने अपने चाहने वालों का भविष्य

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हर किसी को किसी स्त्री या पुरुष के बारे में यह जानने की इच्छा जरुर होती है कि उस स्त्री या पुरुष का स्वभाव कैसा होगा।इसके लिए हमारे ज्योतिषाचार्य ने अब तक आपको कई उपाय बताएं हैं ,जिसे देखकर आप  उस स्त्री या पुरुष के बारे में जान सकते हैं, कि उसका स्वभाव कैसा होगा। जैसे उसके अंगों को देखकर, उसकी चाल- ढाल देखकर या फिर उसके खानपान से भी उसके स्वभाव के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है।इसी क्रम में आज आपको एक और चीज बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आप उस स्त्री या पुरुष के स्वभाव के बारे में जान सकते है।  आपको पता है कि किसी व्यक्ति के जीवन में अक्षरों का क्या प्रभाव पड़ता है, अगर नहीं तो आज हम आपको 'ए' से लेकर 'जेड' तक बताते हैं। ए अक्षर:- अगर किसी लड़की या लड़के का नाम अंग्रेजी के ए अक्षर से शुरू होता है तो ऐसे व्यक्ति प्यार और रिश्तों का काफी महत्व देते हैं ,लेकिन बहुत ज्यादा रोमांटिक नहीं होते हैं। ए अक्षर वाले सुंदरता को काफी पसंद करते है और खुद भी बहुत सुन्दर और सेक्सी होते है। इनकी एक खासियत होती है ये अपनी बात सबसे नहीं कहते हैं। इनके जीवन में हर चीज देर से हास...

मखाना (Euryale ferox)Phool Makhana (Lotus Seed)-

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  "मखाना" संस्कृत के दो शब्द मख व अन्न से बना है। मख का मतलब यज्ञ होता है। अर्थात यज्ञ में प्रयुक्त होने वाला अन्न। जीवन काल से लेकर मृत्यु के बाद भी मखाना मिथिलांचल वासियों से जुड़ा रहता है।मखाने की खेती पूरे मिथिलांचल में होती है।दरभंगा में उत्पन्न होने वाला मखाना उत्तम कोटि का माना जाता है। मखाने कमल के बीजों की लाही है।मखाना को देवताओं का भोजन कहा गया | पूजा एवं हवन में भी यह काम आता है । इसे आर्गेनिक हर्बल भी कहते हैं । क्योंकि यह बिना किसी रासायनिक खाद या कीटनाशी के उपयोग के उगाया जाता है । आचार्य भावमिश्र (1500-1600) द्वारा रचित भाव प्रकाश निघंटु में इसे पद्मबीजाभ एवं पानीय फल कहा गया है । इसके अनुसार मखाना बल, वाजीकर एवं ग्राही है । - इसे प्रसव पूर्व एवं पश्चात आई कमज़ोरी दूर करने के लिए दूध में पकाकर खिलाते हैं । - यह सुपाच्य है तथा आहार के रूप में इसका उपयोग किया जाता है । बच्चों को इसे घी या तेल से बघार कर चिवड़े की तरह नमकीन बना कर दे । वे इसे बहुत पसंद करते है । इसे खीर में भी मिला कर दे सकते है । इसे पंजीरी में , लड्डू में भी मिलाया जा सकता है । - इसके औषधीय गुणों...

Golden Fort News: हरि‍याणा में मि‍ली प्रति‍हार-काल की एक हजार साल पुरानी टकसाल

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