Posts

Showing posts from January, 2014

भगवान जी ने किया हनुमान जी के अहंकार का नाश

Image
यह कथा उस समय की है जब लंका जाने के लिए भगवान श्रीराम ने सेतु निर्माण के पूर्व समुद्र तट पर शिवलिंग स्थापित किया था। वहाँ हनुमानजी को स्वयं पर अभिमान हो गया तब भगवान राम ने उनके अहम का नाश किया। यह कथा इस प्रकार है- जब समुद्र पर सेतुबंधन का कार्य हो रहा था तब भगवान राम ने वहाँ गणेशजी और नौ ग्रहों की स्थापना के पश्चात शिवलिंग स्थापित करने का विचार किया। उन्होंने शुभ मुहूर्त में शिवलिंग लाने के लिए हनुमानजी को काशी भेजा। हनुमानजी पवन वेग से काशी जा पहुँचे। उन्हें देख भोलेनाथ बोले- “पवनपुत्र!” दक्षिण में शिवलिंग की स्थापना करके भगवान राम मेरी ही इच्छा पूर्ण कर रहे हैं क्योंकि महर्षि अगस्त्य विन्ध्याचल पर्वत को झुकाकर वहाँ प्रस्थान तो कर गए लेकिन वे मेरी प्रतीक्षा में हैं। इसलिए मुझे भी वहाँ जाना था। तुम शीघ्र ही मेरे प्रतीक को वहाँ ले जाओ। यह बात सुनकर हनुमान गर्व से फूल गए और सोचने लगे कि केवल वे ही यह कार्य शीघ्र-अतिशीघ्र कर सकते हैं। यहाँ हनुमानजी को अभिमान हुआ और वहाँ भगवान राम ने उनके मन के भाव को जान लिया। भक्त के कल्याण के लिए भगवान सदैव तत्पर रहते हैं। हनुमान भ...

सफलता का रहस्य

Image
एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या है? सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो. वो मिले. फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा. और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक  पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया. लड़का बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगा, लेकिन सुकरात ताकतवर थे और उसे  तब तक डुबोये रखे जब तक की वो नीला नहीं पड़ने लगा. फिर सुकरात ने उसका सर पानी से बाहर निकाल दिया और बाहर निकलते ही जो चीज उस लड़के ने सबसे पहले की वो थी हाँफते-हाँफते तेजी से सांस लेना. सुकरात ने पूछा, "जब तुम वहाँ थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे?" लड़के ने उत्तर दिया, "सांस लेना..." सुकरात ने कहा, "यही सफलता का रहस्य है. जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना की तुम सांस लेना चाहते थे तो वो तुम्हे मिल जाएगी. इसके आलावा और कोई रहस्य नहीं है."

अकबर, बीरबल और हरे रंग का घोड़ा

Image
एक दिन बादशाह अकबर घोड़े पर बैठकर शाही बाग में घूमने गए। साथ में बीरबल भी था। चारों ओर हरे-भरे वृक्ष और हरी-हरी घास देखकर बादशाह अकबर को बहुत आनंद आया। उन्हें लगा कि बगीचे में सैर करने के लिए तो घोड़ा भी हरे रंग का ही होना चाहिए। उन्होंने बीरबल से कहा, 'बीरबल मुझे हरे रंग का घोड़ा चाहिए। तुम मुझे सात दिन में हरे रंग का घोड़ा ला दो। यदि तुम हरे रंग का घोड़ा न ला सके तो हमें अपनी शक्ल मत दिखाना।' हरे  रंग का घोड़ा तो होता ही नहीं है। बादशाह अकबर और बीरबल दोनों को यह मालूम था। लेकिन बादशाह अकबर को तो बीरबल की परीक्षा लेनी थी। दरअसल, इस प्रकार के अटपटे सवाल करके वे चाहते थे कि बीरबल अपनी हार स्वीकार कर लें और कहें कि जहांपनाह मैं हार गया, मगर बीरबल भी अपने जैसे एक ही थे। बीरबल के हर सवाल का सटीक उत्तर देते थे कि बादशाह अकबर को मुंह की खानी पड़ती थी। बीरबल हरे रंग के छोड़ की खोज के बहाने सात दिन तक इधर-उधर घूमते रहे। आठवें दिन वे दरबार में हाजिर हुए और बादशाह से बोले, 'जहांपनाह! मुझे हरे रंग का घोड़ा मिल गया है।' बादशाह को आश्चर्य हुआ। उन्होंने कहा, 'जल्दी बताओ, कहां है ...

चुनाव हमें करना है ,शेर बनना है या लोमड़ी

Image
एक बौद्ध भिक्षुक भोजन बनाने के लिए जंगल से लकड़ियाँ चुन रहा था कि तभी उसने कुछ अनोखा देखा “कितना अजीब है ये !”, उसने बिना पैरों की लोमड़ी को देखते हुए मन ही मन सोचा . “ आखिर इस हालत में ये जिंदा कैसे है ?” उसे आशचर्य हुआ , “ और ऊपर से ये बिलकुल स्वस्थ है ” वह अपने ख़यालों में खोया हुआ था की अचानक चारो तरफ अफरा – तफरी मचने लगी ; जंगल का राजा शेर   उस तरफ आ रहा था . भिक्षुक भी तेजी दिखाते हुए एक ऊँचे पेड़ पर चढ़ गया , और वहीँ से सब कुछ देखने लगा . शेर ने एक हिरन का शिकार किया था और उसे अपने जबड़े में दबा कर लोमड़ी की तरफ बढ़ रहा था , पर उसने लोमड़ी पर हमला नहीं किया बल्कि उसे भी खाने के लिए मांस के कुछ टुकड़े डाल दिए . “ ये तो घोर आश्चर्य है , शेर लोमड़ी को मारने की बजाये उसे भोजन दे रहा है .” , भिक्षुक बुदबुदाया,उसे अपनी आँखों पर भरोसा नहीं हो रहा था इसलिए वह अगले दिन फिर वहीँ आया और छिप कर शेर का इंतज़ार करने लगा . आज ...

अवसर ( Opportunity)

Image
एक नौजवान आदमी एक किसान की बेटी से शादी की इच्छा लेकर किसान के पास गया. किसान ने उसकी ओर देखा और कहा, " युवक, खेत में जाओ. मैं एक एक करके तीन बैल छोड़ने वाला हूँ. अगर तुम तीनों बैलों में से किसी भी एक की पूँछ पकड़ लो तो मैं अपनी बेटी की शादी तुमसे कर दूंगा."नौजवान खेत में बैल की पूँछ पकड़ने की मुद्रा लेकर खडा हो गया. किसान ने खेत में स्थित घर का दरवाजा खोला और एक बहुत ही बड़ा और खतरनाक बैल उसमे से निकला. नौजवान ने ऐसा बैल पहले कभी नहीं देखा था. उससे डर कर नौजवान ने निर्णय लिया कि वह अगले बैल का इंतज़ार करेगा और वह एक तरफ हो गया जिससे बैल उसके पास से होकर निकल गया.दरवाजा फिर खुला. आश्चर्यजनक रूप से इस बार पहले से भी बड़ा और भयंकर बैल निकला. नौजवान ने सोचा कि इससे तो पहला वाला बैल ठीक था. फिर उसने एक ओर होकर बैल को निकल जाने दिया.दरवाजा तीसरी बार खुला. नौजवान के चहरे पर मुस्कान आ गई. इस बारएक छोटा और मरियल बैल निकला. जैसे ही बैल नौजवान के पास आने लगा, नौजवान ने उसकी पूँछ पकड़ने के लिए मुद्रा बना ली ताकि उसकी पूँछ सही समय पर पकड़ ले. पर उस बैल की पूँछ थी ही नहीं.............

जिंदगी जिंदगी है

Image
जिंदगी जीने का नाम है ,  झेलने का नही ... जिंदगी अनेक अनेक एहसासों का नाम है , एहसानों का नही ,,,,,,  जिंदगी मुक्कद्दर का नाम है .,  मुखासित होने का नही .... जिंदगी खुशियों का नाम है , खामोशियो का नही ....  जिंदगी दर्द बांटने का नाम है , दर्द बटोरने का नही.... जिंदगी कुछ बनने का नाम है , बिगड़ने का नही .... जिंदगी गलतिय करने का नाम है , ग्लानि महसूस करने का नही ,,,,  जिंदगी जीने के लिए है , झेलने के लिए नही ......  जिंदगी जिंदगी है !!!!!!!!!!!!! 

" इंसानियत "

Image
निडर न तू था न मैं थी, बस हिम्मत नही थी .... कायर न तू था न मैं थी , बस होसला नही था.... गलत न तू था न मैं थी ,  बस राह गलत थी .... शब्द तेरे पास थे मेरे पास थे , बस बोलने के लिए बोली नही थी ... सच तुझे पता था सच मुझे पता था , बस ईमानदारी नही थी .... कमजोर न तू था न मैं थी , बस आत्म परिचय नही था .... वक़्त तेरे पास था मेरे पास था , बस इक्छा नही थी ... भरोसा तेरे पास था मेरे पास था , बस उसपे विश्वास नही था .. आखिर में  इंसान तू था मैं भी थी  बस " इंसानियत " न तुझमे बची थी न मुझमे ...!!!!

याददाश्त को बढ़ाने के कारगर उपाय :-

Image
  बार-बार भूलने की समस्या बहुत  ही परेशानी देने वाली होती है। जिन  लोगों के साथ ये समस्या होती है सिर्फ वे  खुद ही नहीं उनसे जुड़े अन्य लोग भी कई  बार समस्या में पड़ जाते है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ कई लोगों की याददाश्त कमजोर  होने लगती है। किसी भी चीज को ढ़ूंढने  या काम को याद रखने के लिए दिमाग पर  जोर डालना पड़ता है।  प्रथम उपाय खानपान से - नीचे लिखी चीजों को अपने आहार में  शामिल करें और पाएं गजब की याददाश्त। • ब्राह्मी- ब्राह्मी का रस या चूर्ण  पानी या मिश्री के साथ लेने से याददाश्त तेज होती है। ब्राह्मी के तेल की मालिश से  दिमागी कमजोरी, खुश्की दूर होती है। • फल-  लाल और नीले रंगों के फ लों का सेवन  भी याद्दाशत बढ़ाने में याददाश्त बढ़ाने में  मददगार होते हैं जैसे सेब और ब्लूबेरी खाने से  भूलने की बीमारी दूर होती है। • सब्जियां- बैंगन का प्रयोग करें। इसमें पाए जाने वाले  पोषक तत्व दिमाग के टिशू को स्वस्थ्य रखने में मददगार होते हैं। चुकंदर और प्याज  भी दिमाग बढ़ाने में अनोखा काम करते हैं। • गेहूं - गेहूं ...

नर्मदा कैनाल परियोजना

Image
ये जो आप देख रहे है वो कोई हाईवे नहीं बल्कि नर्मदा कैनाल परियोजना है. दुनिया की सबसे लम्बी कैनाल, मुख्य कैनाल कुल लम्बाई 532 किमी. पूरी की पूरी कैनाल कंक्रीट से बनी है ताकि पानी की बर्बादी कम हो. इसके 1 किमी के भाग को सोलर पैनल से ढका गया है जिससे पानी का वाष्पीकरण भी नहीं होता और बिजली का निर्माण भी हो जाता है. इस तरह की यह भी दुनिया की पहली परियोजना है. गुजरात सरकार के इस परियोजना से आज उन गांवों में भी पानी पहुचता है जहा सुखा पड़ता था. यह कैनाल राजस्थान में 74 किमी तक जाता है. वहा भी लोगो को खेती योग्य पानी मिल रहा है. वरना पहले वह खरा पानी ही मिलता था. विकास के ऐसे कई किस्से देखने को मिलेंगे आपको गुजरात में.

महिलाओं की मांग में सिंदूर वैज्ञानिक महत्व

Image
रामायण में एक कथा आती है जिसमे श्री हनुमान जी ने माता सीता जी से उनकी मांग  में सिंदूर लगा देखकर आश्चर्यपूर्वक पूछा कि हे माता! यह लाल द्रव्य क्या है इसे आपने मस्तक में क्यों लगाया है। इस पर माता सीता जी ने भगवान राम भक्त  हनुमान जी को बतलाया कि पुत्र! यहा सिंदूर है तथा  इसके लगाने से मेरे स्वामी की आयु दीर्घ होती है।या सुनते ही श्री हनुमान जी ने  मन में विचार किया कि जब चुटकी भर सिंदूर लगाने से आयु मे  वृद्धि हो सकती है तो फिर क्यों न मैं  अपने सारे शरीर पर इस लगाकर अपने स्वामी को अजर-अमर ही कर दु । इस प्रकार  हनुमान जी जब अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाकर राजसभा में पहुंचे, तो सभी दरबारी और भगवान श्री राम जी  उन्हें देखकर हंसेने लगे और पूछा कि ऐसा क्यो किया तो इस पर श्री हनुमान जी ने  माता सीता जी से ही बात बतला दी। भगवान ने इस भोले पैन पर उन्हे आशीर्वाद दिया तो हनुमान जी का विश्वास और भी दृणहो गया कि ऐसा ही होगा । बस तब से ही हनुमान जी की इस भक्ति के स्मरण में उनके शरीर पर सिंदूर का चोला चढ़ाया जाने लगा। सिंदूर लगाने कि प्रथा इसी प्रकार कि अन...

तिल के लड्डू

Image
मकर संक्रांति के अवसर पर विशेष रूप से तिल व गुड़ के पकवान बनाने व खाने की परंपरा है। तिल मे प्रचुर मात्रा मे केल्शियम होता है ओर इनकी तासीर गरम होने के कारण जनवरी की ठंड मे फायदा भी करते है  । ये बहुत कम समय मे बन जाते है । तिल के लड्डू बनाने की विधि निम्न प्रकार से है ।   सामग्री - 500 ग्राम - तिल  500 ग्राम - गुड  2 चम्मच - घी  विधि - तिल को अच्छी तरह साफ कर लीजिये.भारी तले की कढ़ाई लेकर गरम कीजिये,मध्म आग पर,  तिल को हल्के ब्राउन होने तक भून लीजिये.  तिल बहुत जल्द जल जाते हैं,इसलिए लगातार चलते रहे ।  तिल को ठंडा करके आधे तिल हल्का मिक्सी से दरदरा पीस लीजिये।  गुड़ को तोड़कर छोटे छोटे टुकड़े कर लीजिये.अब कडाई में एक चम्मच घी डालकर गरम कीजिये और इसमे 1/2 कप पानी डालें और उसमें गुड डाल दें। गुड को चलातें रहे और धीमें आंच पर पकने दें। जब गुड की चाशनी 1 तार की हो जाएँ तब गैस बंद कर दें  1 तार की चाशनी पता करने के लिए चम्मच से चाशनी को उठाएं और ऊपर से गिराएं तब आखिरी में एक तार दिखेगा और उसमें तिल डालकर अच्छे से मिलाएं। पिघले गुड़ में भुने ...