मोटापा --- खोने लगा है
![Image](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjdRIk4gcXKnE_A6YCarlZoN8M7fxN9b6t_0FJ_qFVplAEW2b3M_7QJYBuU0ZOdse4vRjFX2QiIUY9oy9p8NhWtXDE4k4EeqlglT0v3j29AymrA5BSGklCtMQlKkjqEGlGxCzzc10F4JPU/s1600/img1130105023_1_1.jpg)
1. तनाव का विज्ञान----- -आज के जीवन में अगर कुछ है जो सबके साथ जुड़ गया है चाहे बिना चाहे वो है तनाव ...तनाव का अपना एक विज्ञान है . हम में से ज्यादातर लोग जीवन में जबरदस्ती तनाव को पाले होते हैं . वास्तव में लोग जिन वजहों से तनावग्रस्त होते हैं , वे महत्वपूर्ण नही होती हैं लेकिन इतनी अधिक प्रभावशाली होती हैं कि उनका हमारे दिमाग, मन एवं शरीर पर जबरदस्त असर होता है वास्तव में देखा जाये तो तनाव हमारे शरीर , दिमाग , संवेदनाओं और उर्जा को व्यवस्थित न कर पाने की अयोग्यता है. अतीत , वर्तमान और भविष्य का चक्र, अधूरे सपनों को पूरा करने की ख्वाहिश व जिन्दगी में संतुलन बनाये रखने की चाहना के वाजिब और सही जवाब को आने से रोकने वाली मानसिक स्थिति ही तनाव है जीवन की भौतिक उपलब्धियों की प्राप्ति, व्यक्तिगत उपलब्धियों की प्राप्ति और इसके लिए परस्पर होड़ा होड़ी से उपजता है अंतर्द्वद जो जन्म देता है तनाव को . तनाव एक ऐसी स्थिति है जिससे बचा नही जा सकता है इसलिए जरुरी है इसका अपेक्षित प्रबंधन क्योकि तनाव मोटापे के मूल में रहता है . तनाव शरीर की ऐसी अवस्था जब व्यक्ति सोचते हुए थकने लग कर दिशाहीन हो जाता...