भगवान शिव ने भी मृत्यु के कुछ संकेत बताए
आज हम आपको मृत्युपूर्व होने वाले कुछ ऐसे आभासों के बारे में जरूर बताने जा रहे हैं जिन्हें जानने के बाद आपको ये अंदाजा हो जाएगा कि किस व्यक्ति की मौत कितनी निकट है।
जैसे-जैसे समय बीतता जाता है वह व्यक्ति अपनी नाक को देख पाने में असमर्थ महसूस करता है जिसकी मौत उसके निकट होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मृत्यु से कुछ समय पहले व्यक्ति की आंखें ऊपर की ओर मुड़ने लगती हैं।
मृत्यु से कुछ समय पहले व्यक्ति को आसमान के चांद में दरार या फिर वो खंडित नजर आने लगता है।
सामान्यतौर पर अगर हम अपने दोनों कानों को हाथ से बंद कर लेते हैं तो हमें कोई आवाज सुनाई देती है लेकिन जिस व्यक्ति की मौत नजदीक होती है उसे सिर्फ सन्नाटा महसूस होता है।
मृत्यु का समय नजदीक आने पर व्यक्ति की परछाई तक उसका साथ छोड़ देती है. यहां तक कि तेल, पानी में भी व्यक्ति को अपनी छाया नजर नहीं आती।
जब किसी व्यक्ति का समय पूरा हो जाता है तो उसे अपने मृत परिजनों के साथ होने का एहसास होता है।
मृत्यु से 2-3 दिन पहले व्यक्ति को किसी साये का अपने साथ होने जैसा एहसास होने लगता है।
मृत्यु से कुछ समय पहले व्यक्ति के शरीर में से अजीब सी गंध आने लगती है जिसे मृत्यु गंध कहते हैं।
जब व्यक्ति को आइने में अपना नहीं किसी और का चेहरा नजर आने लगे तो समझ जाइए उसका अंत समय बहुत निकट है. उसकी मौत 24 घंटे के भीतर हो सकती है।
भगवान शिव ने भी मृत्यु के कुछ संकेत बताए हैं. जब व्यक्ति का शरीर पीला, सफेद या हलका लाल हो जाए तो समझ जाना चाहिए कि व्यक्ति की मौत 6 महीने के भीतर हो जाएगी।
मृत्यु से करीब 6 माह पहले व्यक्ति की नाक, मुंह, जीभ आदि पत्थर की तरह कड़े हो जाते हैं।
व्यक्ति चांद, सूरज की रौशनी को देख पाने में अक्षम हो जाए या उसे हर जगह आग का भ्रम होने लगे तो वह व्यक्ति सिर्फ 6 माह का मेहमान है।
मृत्यु से पहले व्यक्ति के मसूढ़े और दांतों में से पस निकलने लगती है।
सितारों की भीड़ में एक ध्रुव तारा होता है, आमतौर पर उसे आसानी से देखा जा सकता है लेकिन अगर व्यक्ति की मौत निकट हो तो उसे ध्रुव तारा दिखाई नहीं देता और उसके लिए आसमान एकदम लाल हो जाता है।
सपने में उल्लू या उजड़े हुए गांव का दिखना मृत्यु के निकट होने का संकेत है।
रोचक और रहस्यमय ...
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