त्राटक योग क्रिया क्या है? इसे करने का वास्तविक अभ्यास और प्रकार

त्राटक_कैसे_और_क्यों.......

किसी भी वस्तु को नेत्र द्वारा बिना पलक झपकाए लगातार देखते रहने की क्रिया को "त्राटक" कहते हैं......यह एक योग क्रिया है......जिसे ध्यान की प्रक्रिया में भी वर्गीकृत किया जाता है......

त्राटक एक ऐसी क्रिया है......जिसे आप बिना गुरु के भी कर सकते हैं.......बस आपको त्राटक के कुछ नीति नियम समझने है, जिसका पालन करके आप त्राटक में निपुणता प्राप्त कर सकते हो......

त्राटक कई प्रकार के होते हैं जैसे:-

बिंदु त्राटक, दर्पण त्राटक, मोमबत्ती त्राटक, तारा त्राटक, चंद्र त्राटक, सूर्य त्राटक, दृश्य त्राटक, छाया त्राटक, अग्नि त्राटक

हर त्राटक की अपनी-अपनी विशेषताएं है.......

त्राटक का मूल उद्देश्य चेतन मन को विचार शून्य करके अवचेतन मन को जागृत करना है.......

यह क्रिया हमें एक गहरे आत्मविश्वास से भरता है......

त्राटक के लाभ :

1) त्राटक करने से याददाश्त शक्ति एवं एकाग्रता बढ़ती है।

2) मन मै आनेवाले विचार धीरे धीरे कम होने लगते है।

3)त्राटक करने से  इच्छा शक्ति बढ़ती है।

4)मन और मस्तिष्क की एकाग्रता बढ़ती है।

5) त्राटक करने से मानसिक शांति मिलती है।

6) त्राटक का अभ्यास आंखों को साफ और चमकदार बनाता है।

7) त्राटक आंखों के लिए सबसे फायदेमंद योग है।

8) नेत्र रोग दूर होते हैं।

9) नेत्रों में चुंबकीय शक्ति पैदा होती है।

10) त्राटक का अभ्यास आंख की सुस्ती दूर करता है।

11) आलस्य दूर होता है। मस्तिष्क की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।

12) त्राटक करने से मन शांत हो जाता है।

त्राटक अभ्यास की शुरुआत :

त्राटक अभ्यास की शुरुआत में आंखें ज्यादा देर तक स्थिर नहीं रह पाती है.....

त्राटक अभ्यास की शुरुआत में आंखों की पलकें बार-बार झपकती है और बार बार आंखों में से पानी निकलता है......

आंखों में से पानी आए तो निकलने दे...... इससे आपके मस्तिष्क की उष्णता निकल जाती है......

त्राटक का अभ्यास करते वक्त एक मुलायम रूमाल अपने पास रखे और जब भी आंखों से पानी आए उस रुमाल से अपनी आंखो से आते जल को साफ करे.....

त्राटक के अभ्यास में जैसे जैसे दिन बीतते जाएंगे वैसे वैसे आपकी आंखों की पलकों की झपक धीरे-धीरे कम होती चली जाएगी और आप अपनी आंखों को स्थिर रखने में सक्षम होते चले जाओगे.......
त्राटक करने का तरीका:
  1. एक मोमबत्ती के सामने ध्यान मुद्रा में बैठें.
  2. आंखें खोलें और बिना पलक झपकाये लौ को देखें.
  3. आंखों को फिर बंद कर लें.
  4. यह अभ्यास तीन बार दोहरायें.
  5. अभ्यास का समय धीरे-धीरे बढ़ाते जायें.
  6. कोई व्यक्ति त्राटक का अभ्यास काले कागज पर एक सफ़ेद बिन्दु को देखते हुए या सफ़ेद कागज पर काले बिन्दु पर देखते हुए भी कर सकता है. 
त्राटक के अभ्यास में आपका मन कई बार भटक जाएगा ..... अनेकों विचार आयेंगे......आपको किसी भी तरह करके अपने मन को त्राटक साधना में ही लगाना है........
धीरे धीरे आपका ध्यान लगने लगेगा....

त्राटक के अभ्यास में जब भी आपको दो प्रतिबिंब नजर आए तब आप अपना अभ्यास बंद करके विश्राम कीजिए और अगले दिन से फिर से अपना अभ्यास शुरू कीजिए......

त्राटक के अभ्यास में जैसे जैसे दिन बीतते जाएंगे वैसे वैसे आपका मन शांत होता चला जाएगा....

त्राटक के अभ्यास से उच्च रक्तचाप में भी आराम मिलता है.....

त्राटक के अभ्यास में स्वसन क्रिया धीरे धीरे होती है और गहरी होती चली जाती है.......

त्राटक के निरंतर अभ्यास से चेतन मन में आने वाले विचार भी धीरे-धीरे कम होते चले जाते हैं.......

त्राटक के अभ्यास से आप बिना पलक झपकाए देखने में सक्षम हो जाते है......

आपकी दृष्टि तीव्र हो जाती है......

आंखों की चमक बढ़ जाती है......

त्राटक सिद्ध होने पर आपका चेतन मन शांत होता है और अवचेतन मन जागृत हो जाता है ..........

चित्र:-प्रतीकात्मक 

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