विश्वस्तर पर भारतीया पत्रिकाओं का संघर्ष
भारत में और दुनिया में हिन्दुओं के प्रबोधनार्थ पत्रिका जगत में दो बड़े नाम हैl एक है "पांचजन्य" और दूसरा है "ओर्गेनाईजर"l इन दोनों पत्रिकाओं का सर्कुकेशन शायद एक-एक लाख या इससे थोड़ी अधिक होगीl "पांचजन्य" हिन्दी में और "ओर्गेनाईजर" अंग्रेजी में छपती है और जहाँ तक मेरी जानकारी है इन पत्रिकाओं का अनुवाद किसी और भाषा में नहीं होता।
अब जरा दूसरी ओर देखते हैं:-
"प्रभु तेरा राज आवे" इस ध्येय वाक्य के साथ ईसाई मिशनरी पत्रिका The Watchtower अपने अभियान में लगी हुई है। दशकों पुरानी यह पत्रिका दुनिया के लगभग हर देश में जाती है 396 भाषाओँ में इसका अनुवाद होता है। 'जेहोवा विटनेस' नाम का संगठन इसे छापता है। ये पत्रिका उतनी संख्या में छपती है, उतना छापना तो दूर हम सोच भी नहीं सकते कि कोई पत्रिका इतनी अधिक संख्या में भी छप सकती है। 930 लाख यानि 9.30 करोड़ कॉपी इसके हर अंक के छपते है। पत्रिका की प्रिंट और पेपर क्वालिटी भी उम्दा होती है।
इस जैसी ही एक पत्रिका और है जिसका नाम है "Awake" ।
ये पत्रिका भी दुनिया के 221 भाषाओँ में अनुवादित होती है और ये त्रैमासिक छपती है इसका सर्कुलेशन भी करीब-करीब The Watchtower जितना ही है।
यानि इन दोनों पत्रिकाओं का कुल सर्कुलेशन लगभग 18 करोड़ के आस-पास है। और ऐसी ही दर्जनों पत्रिकाएं और हैं जिनके सर्कुलेशन को मिला दे ये आंकडा त्रैमासिक रूप से 25 करोड़ के आस-पास बनता है।
आप कल्पना करिए कि क्या हम इसके शतांश या सहस्त्रांश भी छापना तो दूर, छापने की सोच भी सकते हैं? हम आज क्या अगले हज़ार वर्षों तक भी इनका मुकाबला करने में सक्षम होंगे? विचार करियेगा.....
अलबत्ता एक चीज़ में तो हमलोग The Watchtower और Awake से मीलों आगे हैं। ये चीज़ है फेसबुक पर अपनों की ट्रोलिंग, उन्हें गाली देना और फिर ऐसे ट्रोलर समूह की हौसलाअफजाई करना।
ये करते रहिये क्योंकि आनंद इसी में है.........☺️
हिंदुत्व तो भगवान जी बचाइये लेंगे.....
Comments
Post a Comment