भगवान शिव का दूसरा घर....उनाकोटि त्रिपुरा

त्रिपुरा, नार्थ ईस्ट भारत का एक राज्य...! त्रिपुरा की राजधानी से 177 किमी दूर उनाकोटी का जंगल जो कहलाता हैभगवान शिव का दूसरा घर... टेढ़ी मेढ़ी खूबसूरत पगडंडियां, सुंदर-घने जंगल, घाटियां, संकरी कल-कल बहती नदियां और झरने... उनाकोटी एक औसत ऊंचाई वाली पहाड़ी श्रृंखला है जहाँ आठवीं नवीं सदी की हिन्दू देवी-देवताओं की चट्टानों पर अनगिनत मूर्तियां उकेरी गई हैं, जो अब भी मौजूद हैं... उनाकोटि का अर्थ है एक करोड़ से एक कम... एक दंत कथा के अनुसार यहाँ शिव की एक करोड़ में एक मूर्ति कम है, इस कारण इसका नाम ‘उनाकोटी’ पड़ा..

उनाकोटि
उनाकोटि

उनाकोटि त्रिपुरा


उनाकोटि त्रिपुरा

उनाकोटि त्रिपुरा
उनाकोटि त्रिपुरा


उनाकोटि त्रिपुरा

उनाकोटि त्रिपुरा

उनाकोटि त्रिपुरा
उनाकोटि त्रिपुरा
उनाकोटि त्रिपुरा
उनाकोटि त्रिपुरा
. यहाँ 30 फुट ऊंचे शिव की विशालतम छवि एक खड़ी चट्टान पर उकेरी गई है, जिसे ‘उनाकोटिस्वर काल भैरव’ कहा जाता है... इसके सिर को 10 फीट तक के लंबे बालों के रूप में उकेरा गया है... इसी मूर्ति के पास शेर पर सवार माता दुर्गा का शिल्प चट्टान पर उकेरा गया है वहीं दूसरी तरफ मकर पर सवार देवी गंगा का शिल्प भी है... यहां नंदी के जमीन पर आधे उकेरे हुए शिल्प भी हैं... भगवान भोलेनाथ के शिल्पों से कुछ ही दूरी पर भगवान गणेश की तीन बेहद शानदार मूर्तियां हैं... चार-भुजाओं वाले गणेशजी की दुर्लभ नक्काशी के एक तरफ तीन दांत वाले साराभुजा गणेश और चार दांत वाले अष्टभुजा गणेशजी की दो मूर्तियां बनी हुई हैं, साथ ही तीन आंखों वाला एक शिल्प भी है, जिसके बारे में माना जाता है कि वह भगवान सूर्य या विष्णु भगवान के हैं.. इसके अलावा चतुर्मुख शिवलिंग, नरसिम्हा, श्रीराम, रावण, हनुमान, और अन्य अनेक देवी-देवताओं के शिल्प और मूर्तियां भी यहां बनी हुई है... उनाकोटि-बेल्कुम- रघुनंदन पहाड़ियों की ये श्रृंखला देवस्थल के रूप में जानी जाती है... आप किसी भी दिशा से आईए, कहीं भी जाईए, आपको भगवान शिव या अन्य देवी-देवताओं की मूर्तिय मिल ही जाएंगी... यहां पहाड़ों से गिरते हुए सुंदर झरने एक कुंड को भरते हैं, जिसे ‘सीता कुंड’ कहा जाता हैं जिसमें स्नान करना बेहद पवित्र माना जाता है। हर साल उनाकोटी में अप्रैल के महीने में ‘अशोकाष्टमी मेला’ लगता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु आते हैं और ‘सीता कुंड’ में स्नान कर खुद को धन्य मानते हैं।
उनाकोटी में अभी तक हजारों मूर्तियाँ मिल चुकी है लेकिन उनकी सही गिनती अभी तक नहीं हो पाई है... अभी तक इन मूर्तियों के निर्माता की भी पहचान नहीं हो पाई है लेकिन स्थानीय आदिवासियों का मानना है कि उनाकोटी की मूर्तियों का निर्माता कल्लू कुम्हार था... उनाकोटि के इतिहास को लंबे समय तक छुपाने की कोशिश की गई... ये नार्थ ईस्ट में हिदू मंदिरों मूर्तियों की सबसे प्राचीनतम श्रृंखला है...
उनाकोटि
उनाकोटि त्रिपुरा
उनाकोटि त्रिपुरा
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  1. https://hindimemadadonline.blogspot.com/2020/06/Best-Inspirational-Stories-In-Hindi.html?m=1

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