क्या आपको कुछ याद नहीं रहता...? स्मरण शक्ति बढ़ायें|

आजकल अच्छा खान पान न होने की वजह से याददाश्त का कमजोर होना एक आम समस्या बन गई है।हर आदमी अपनी भूलने की आदत से परेशान है लेकिन अब आपको परेशान हो की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आयुर्वेद में इस बीमारी को दूर करने के सरलतम उपाय बताए हैं।


1. सात दाने बादाम के रात को भिगोकर सुबह छिलका उतार कर बारीक पीस लें । इस पेस्ट को करीब 250 ग्राम दूध में डालकर तीन उबाल लगाऐं। इसके बाद इसे नीचे उतार कर एक चम्मच घी और दो चम्मच शक्कर मिलाकर ठंडाकर पीऐं। 15 से 20 दिन तक इस विधि को करने से याददाश्त तेज होती है।

2. भीगे हुए बादाम को काली मिर्च के साथ पीस लें या ऐसे ही खूब चबाचबाकर खाऐं और ऊपर से गुनगुना दूध पी लें।

3. एक चाय का चम्मच शंखपुष्पी का चूर्ण दूध या मिश्री के साथ रोजाना तीन से चार हफ्ते तक लें ।

विशेष: सिर का दर्द, आंखों की कमजोरी, आंखों से पानी आना, आंखों में दर्द होने जैसे कई रोगों में यह विधि लाभदायक है

ये पांच चीजे खाएंगे...तो याददाश्त कमजोर नहीं रहेगी

किसी भी चीज को रखने के बाद उसे ढंूढने के लिए दिमाग पर जोर डालना पड़ता है। अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो नीचे लिखी चीजों को अपने आहार में शामिल करें और पाएं गजब की याददाश्त।

चाय- दिन में कम से कम दो कप चाय जरूर पीएं। चाय में भरपूर मात्रा में एंटीआक्सीडेंट पाए जाते हैं।  इसमें पाया जाने वाला पॉलीफिनॉल मस्तिष्क को संतुलित करने के साथ ही दिमाग को तेज बनाता है।

मछली- मछली का सेवन अधिक करें क्योंकि इसके तेल में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है जो दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

हर्ब- मेंहदी के पत्तों में इतनी ताकत होती है कि यह खोई हुई याददाश्त को भी वापस ले आए। इसकी खुशबू में कारनोसिक एसिड पाया जाता है जो दिमाग की मांसपेशियों को उत्तेजित करता है।

फल- लाल और नीले रंगों के फलों का सेवन भी याद्दाशत बढ़ाने में मददगार होता है। जैसे सेब और ब्लूबैरी खाने से भूलने की बीमारी दूर होगी।

सब्जियां- बैगन का प्रयोग करें। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व मस्तिष्क के टिशू को स्वस्थ्य रखने में मददगार होते हैं। चुकंदर और प्याज भी दिमाग बढाऩे में अनोखा काम करते हैं।
क्या करें छात्र
*परीक्षा के लिए लक्ष्य तय करना जरूरी है। अपनी क्षमता देखकर ही अपना लक्ष्य तय करें। वरना बाद में निराशा होगी। अगर आप 9वीं कक्षा तक 65 प्रश अंक लेकर पास होते रहे हैं तो अपना लक्ष्य भी 65 से 75 प्रश अंकों का ही रखें। 85 या 90 प्रश अंकों का लक्ष्य रखने से आप भटक जाएँगे।
ध्यान रहेलगातार कई घंटों तक पढ़कर कोई बच्चा अच्छे अंक प्राप्त नहीं कर सकता। किताबी कीड़ा बनने की जरूरत नहीं। पढ़ाई के साथ थोड़ा समय बाकी कामों के लिए भी निकालें।
सुबह की सैर के साथ-साथ थोड़ा-बहुत व्यायाम व खेलकूद भी जरूरी है। इससे शरीर को नई चुस्ती-फुर्ती मिलती है,जो कि शारीरिक व मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी है।
मनोरंजन हमारे जीवन का जरूरी हिस्सा है। परीक्षा के दिनों में मनोरंजन का समय घटा देंलेकिन खुद को मनोरंजन की दुनिया से पूरी तरह अलग न करें। थोड़ा समय निकालकर हल्का-फुल्का संगीतहल्की-फुल्की कॉमेडी फिल्म या धारावाहिक अवश्य देखें।
अगर माता-पिता ने आपके सामने बहुत कठिन लक्ष्य रख दिया हैआपको लगता है कि आप उसे हासिल नहीं कर पाएँगेतो उनसे स्पष्ट शब्दों में कहें कि आप कोशिश करेंगे लेकिन आपकी क्षमता से यह लक्ष्य बड़ा है। अगर वे फिर भी उसे बार-बार आप पर थोपते हैं तो इसे नाकका प्रश्न न बनाएँ। धैर्यपूर्वक उतना करेंजितना आप कर सकते हैं। अनावश्यक तनाव न पालें।
अगर आप तनाव में हैं या फिर आपको किसी तरह की घबराहट या बेचैनी हो रही है तो जल्दी ही घर के किसी सदस्य को या फिर करीबी मित्र को बताएँ। अगर आपको लगता है कि आपकी बात कोई नहीं सुनेगा तो किसी हेल्पलाइन पर फोन करें। वे आपका मार्गदर्शन करेंगे। परीक्षा के दिनों में बच्चों के लिए विशेष हेल्पलाइन शुरू की जाती हैं। इनकी जानकारी सभी अखबारों में मिल जाती है।

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