जौ (BARLEY) -
स्वाद एवं आकृति के दृष्टिकोण से जौ, गेहूँ से भिन्न दिखाई पड़ते हैं किन्तु यह गेहूँ की जाति का ही अन्न है | अगर गुण की दृष्टी से देखा जाए तो जौ गेहूं की अपेक्षा हल्का होता है | जौ को भूनकर, पीसकर उसका सत्तू बनता है | जौ में लैक्टिक एसिड, सैलिसिलिक एसिड, फॉस्फोरिक एसिड, पोटैशियम और कैल्शियम होता है |
जौ के विभिन्न औषधीय उपयोग -
1 - एक लीटर पानी में एक कप जौ को उबालकर इस पानी को ठंडा करके छानकर पीने से शरीर की की सूजन ख़त्म हो जाती है |
2 - जौ का सत्तू खाने या पीने से अधिक गर्मी में शरीर को ठंडक मिलती है |
3 - जौ को बारीक पीस कर तिल के तेल में मिलाकर शरीर के जले हुए भाग पर लगाने से लाभ होता है |
4 - जौ का आटा 50 ग्राम और चने का आटा 10 ग्राम मिलाकर रोटी बनाएं | इस आटे की रोटी से मधुहेह नियंत्रित हो जाता है |
5 - उबले हुए जौ का पानी प्रतिदिन सुबह - शाम पीने से शरीर में खून बढ़ता है | जौ का पानी गर्मियों में पीने से अधिक लाभ मिलता है |
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