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Showing posts from May, 2014

अमरूद रोगों में करता है दवा का काम

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अमरूद है एक बेहतरीन औषधि, इन रोगों में करता है दवा का काम अमरूद एक बेहतरीन स्वादिष्ट फल है। अमरूद कई गुणों से भरपूर है। अमरूद में प्रोटीन 10.5 प्रतिशत, वसा 0. 2 कैल्शियम 1.01 प्रतिशत बी पाया जाता है। अमरूद का फलों में तीसरा स्थान है। पहले दो नम्बर पर आंवला और चेरी हैं। इन फलों का उपयोग ताजे फलों की तरह नहीं किया जाता, इसलिए अमरूद विटामिन सी पूर्ति के लिए सर्वोत्तम है। विटामिन सी छिलके में और उसके ठीक नीचे होता है तथा भीतरी भाग में यह मात्रा घटती जाती है। फल के पकने के साथ-साथ यह मात्रा बढती जाती है। अमरूद में प्रमुख सिट्रिक अम्ल है 6 से 12 प्रतिशत भाग में बीज होते है। इसमें नारंगी, पीला सुगंधित तेल प्राप्त होता है। अमरूद स्वादिष्ट फल होने के साथ-साथ अनेक गुणों से भरा से होता है। यदि कभी आपका गला ज्यादा ख़राब हो गया हो तो अमरुद के तीन -चार ताज़े पत्ते लें ,उन्हें साफ़ धो लें तथा उनके छोटे-छोटे टुकड़े तोड़ लें | एक गिलास पानी लेकर उसमे इन पत्तों को डाल कर उबाल लें , थोड़ा पकाने के बाद आंच बंद कर दें | थोड़ी देर इस पानी को ठंडा होने दें ,जब गरारे करने लायक ठंडा हो जाये तो इसे छानकर ,इसमें नमक मि...

धन की कमी से परेशान है तो निश्चित लाभ के लिए ये उपाय अपनाए

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अगर आप धन की कमी से परेशान हैं तो घबराने की जरूरत नहीं, यहां हम कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं जिनको आजमाकर आप भी धन धान्य और समृद्धि से पूर्ण हो सकते हैं। 1. सबसे पहले सुबह उठ कर अपनी हथेलियों को जरूर देखें और मन ही मन मां लक्ष्मी की कृपा मांगें। 2. किसी भी विशेष कार्य पर या ऑफिस जाते समय एक दाना केसर का मुंह में रखकर घर से निकलें। ऐसा करने से आपको लक्ष्मी जी की कृपा मिलती है। 3. कभी भी कर्ज मंगलवार  के दिन न लें। साथ ही कर्ज की पहली किश्त बुधवार को देना शुरु करें। कर्ज के लिए कोई बात भी मंगलवार से शुरू न करें। 4. यदि आपके आस पास लक्ष्मी मंदिर या अन्नपूर्णा मंदिर हो तो वहां से थोड़े से अक्षत (चावल) घर लाकर लाल वस्त्र में लपेट कर घर में ही धन रखने के स्थान में रखें। 5. मूंग की दाल खाना और दान करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। अगर आप इसकी शुरुआत बुधवार से करते हैं तो उसकी शुभता की ज्यादा वृद्धि होती है। 6. सप्ताह में एक दिन अपने कार्य क्षेत्र के किसी कर्मचारी को भरपेट भोजन अवश्य कराएं। विशेष तौर पर शनिवार को भोजन करवाने से आपको धन लाभ मिलेगा। 7. अपने कार्यक्षेत्र या वर्क टेबल पर एक खड़...

अपनी मोटी कमाई का पैसा कहां लगाते हैं ये फिल्मी सितारे!

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बॉलीवुड के अग्रणी अभिनेताओं और अभिनेत्रियों ने अपने अभिनय से पहले ही लाखों लोगों का दिल जीत लिया है लेकिन इनमें से कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने अपनी प्रतिभा को पूंजी में काफी अच्छे तरीके से तब्दील किया और नाम पाया . इन सितारों के खुद के निवेश के प्रभावशाली पोर्टफोलियो है . उन्होंने अपना पैसा रिअल एस्टेट प्रोजेक्ट्स से लेकर रिटेल शॉप और स्पोर्ट्स फ्रेंचाइजी तक में लगाया है ।  जानते हैं इंडस्ट्री के ऐसे ही स्मार्ट इंवेस्टर्स के बारे में - रितिक रोशन - रितिक रोशन की अधिकतर कमाई उनके प्रोडक्शन हाउस फिल्मक्राफ्ट से होती जिसके सह - मालिक रितिक और उनके पिता राकेश रोशन है . कहा जाता है कि इस एक्टर ने रिअल एस्टेट में काफी ज्यादा निवेश कर रखा है . उनकी प्रॉपर्र्टी 1500 करोड़ की है . इस एक्टर ने लाइफस्टाइल और फिटनेस ब्रांड ' एनआरएक्स ' में भी निवश किया है । शिल्पा शेट्टी - इस एक्ट्रेस ने खुद को एक बिजनेसवुमन बतौर स्थापित किया है . वे पहले ही अपने स्पा की चैन लॉन्च कर चुकी हैं और हाल ही वे वह गोल्ड ज्वेलरी बिजनेस में भी उतरी है . 2014 की ' ढिश्कियाऊं ' उनकी कंपनी ' इशेन्शियल स्पोर्...

पेट खराब और डिनर

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एक दिन उमेश का पेट खराब था. उसी दिन उसकी गर्लफ्रेंड ने उसे डिनर पर बुलाया। . उमेश  के साथ गर्लफ्रेंड का पूरा परिवार डाइनिंग टेबल पर बैठ गया. . गर्लफ्रेंड के पिता ने उमेश से कहा–”शुरू करो बेटा !” . अचानक उमेश के पेट में गुड-गुड़ शुरू हो गयी और फिर–“poooooo…” की आवाज़ आई. . सभी लोगों ने उमेश  की तरफ देखा फिर उमेश की कुर्सी के बगल में बैठे अपने कुत्ते टॉमी की तरफ देखा. . गर्लफ्रेंड के पिता – “टॉमी, ये सब क्या है ? चलो हटो वहाँ से !” . कुत्ता वहीं बैठा रहा. उमेश खुश हुआ की चलो किसी को पता नहीं चला और इलज़ाम कुत्ते पर आ गया. दो मिनट बाद फिर – “poooooo ….” . गर्लफ्रेंड के पिता गुस्से से कुत्ते से बोले–“टॉमी, चल भाग वहाँ से …..” . उमेश फिर मन ही मन खुश हुआ!! परन्तु उमेश का पेट आज कुछ ज्यादा ही खराब था.!!!!दो मिनट बाद तो फिर – “poooo ….poooo ..poooo…” . . . अब गर्लफ्रेंड के पिता का गुस्सा फट पड़ा – “टॉमी हरामखोर !!! गया नहीं तू अभी तक !! जब वो तेरे ऊपर TATTI कर देगा तभी हटेगा क्या वहाँ से कमीने !!

आदमी का झूठ, काफी मसहूर

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एक आदमी झूठ बोलने की वजह से काफी मसहूर हो गया .. एक दिन वह किसी दूसरे शहर मे चला गया ... एक अस्सी साल की बूडी औरत को पता चल गया तो डरती हुई आयी और बोली :- बेटा तुम ही दुनिया के सबसे झूठे व्याक्ति हो ना ..... . आदमी बोला :- लोगो की बात को दफा करो , ..... . . मै तो आपको देखकर हैरान रह गया कि इस उम्र मे ये हुस्न ये रंग और ये दिलकसी..... . बूढी औरत :- (शरमाती हुई ) या अल्लाह लोग भी कितने जालिम है अच्छे भले सच्चे इन्सान को झूठा कहते है .. 

तूफ़ान में कार चलाना

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एक बार एक लड़की कार चला रही थी और पास में उसके पिताजी बैठे थे. राह में एक भयंकर तूफ़ान आया और लड़की ने पिता से पूछा -- अब हम क्या करें? पिता ने जवाब दिया -- कार चलाते रहो. तूफ़ान में कार चलाना बहुत ही मुश्किल हो रहा था, तूफ़ान और भयंकर होता जा रहा था. अब मैं क्या करू ? -- लड़की ने पुनः पूछा. कार चलाते रहो. -- पिता ने पुनः कहा. थोड़ा आगे जाने पर लड़की ने देखा की राह में कई वाहन तूफ़ान की वजह से रुके हुए थे...... उसने फिर अपने पिता से कहा -- मुझे कार रोक देनी चाहिए....... मैं मुश्किल से देख पा रही हूँ....... यह भयंकर है और प्रत्येक ने अपना वाहन रोक दिया है....... उसके पिता ने फिर निर्देशित किया -- कार रोकना नहीं. बस चलाते रहो.... अब तूफ़ान ने बहुत ही भयंकर रूप धारण कर लिया था किन्तु लड़की ने कार चलाना नहीं रोका.......... और अचानक ही उसने देखा कि कुछ साफ़ दिखने लगा है......... कुछ किलो मीटर आगे जाने के पश्चात लड़की ने देखा कि तूफ़ान थम गया और सूर्य निकल आया...... अब उसके पिता ने कहा -- अब तुम कार रोक सकती हो और बाहर आ सकती हो........ लड़की ने पूछा -- पर अब क्यों? पिता ने कहा -- जब ...

तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा।

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एक औरत अपने परिवार के सदस्यों के लिए रोजाना भोजन पकाती थी और एक रोटी वह वहां से ...गुजरने वाले किसी भी भूखे के लिए पकाती थी , वह उस रोटी को खिड़की के सहारे रख दिया करती थी जिसे कोई भी ले सकता था । एक कुबड़ा व्यक्ति रोज उस रोटी को ले जाता और वजाय धन्यवाद देने के अपने रस्ते पर चलता हुआ वह कुछ इस तरह बडबडाता "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा " दिन गु जर...ते गए और ये सिलसिला चलता रहा ,वो कुबड़ा रोज रोटी लेके जाता रहा और इन्ही शब्दों को बडबडाता "जो तुम बुरा करोगे वह तुम्हारे साथ रहेगा और जो तुम अच्छा करोगे वह तुम तक लौट के आएगा " वह औरत उसकी इस हरकत से तंग आ गयी और मन ही मन खुद से कहने लगी कि "कितना अजीब व्यक्ति है ,एक शब्द धन्यवाद का तो देता नहीं है और न जाने क्या क्या बडबडाता रहता है । मतलब क्या है इसका "।   एक दिन क्रोधित होकर उसने एक निर्णय लिया और बोली "मैं इस कुबड़े से निजात पाकर रहूंगी "। और उसने क्या किया कि उसने उस रोटी में जहर मिला दीया जो वो रोज उसके लिए बनाती थी और जैसे ही उसने रोटी को को...

संस्कृत भाषा में चमगादड़ को "वाक-गुदम" अर्थात गुदा (मलद्वार) से बोलने वाला कहा गया है |

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क्या आपको पता है कि दुनियाभर में 900 विभिन्न प्रकार की चमगादड़ पाई जाती हैं।  इसकी ये सभी प्रजातियां उड़ सकती हैं।  वैम्पायर चमगादड़ के अन्य प्रजातियों की तुलना में कम दांत होते हैं क्योंकि यह अपने खाने को चबाती नहीं है।  यह सिर्फ अन्य प्राणियों के खून को अपना आहार बनाती है। दुनिया भर में चमगादड़ों की 1100 प्रजातियां हैं, जिनमें से महज तीन प्रजातियां वैंपायर यानी खून चूसनेवाली हैं।              वह भी इनसान का खून नहीं, बल्किमुर्गी, बत्तख, सुअर, कुत्ते, घोड़ों और बिल्लियों का।  बाकी सारी प्रजातियों के चमगादड़ कीड़े-मकोड़े, फल, मेंढक, मछली और फूलों का पराग भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं. अगर चमगादड़ कभी किसी इनसान की ओर बढ़ते भी हैं, तो हमला करना उनकी मंशा नहीं, बल्किहमारे आसपास उड़ रहे मच्छरों को खाना उनका लक्ष्य होता है. कारण चमगादड़ों में प्रतिध्वनि के आधार पर काम करनेवाला सोनार सिस्टम है. इसकी वजह से ये अपनी आवाज के मच्छरों तथा कीड़े-मकोड़ों से टकरा कर आनेवाली प्रतिध्वनि की मदद से आहार ढूंढ़ते हैं।  ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने व...

सकारात्मक सोच का परिणाम

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एक ऋषि के दो शिष्य थे|  जिनमें से एक शिष्य सकारात्मक सोच वाला था  वह हमेशा दूसरों की भलाई का सोचता था और दूसरा  बहुत नकारात्मक सोच रखता था  और स्वभाव से बहुत क्रोधी भी था| एक दिन महात्मा जी अपने दोनों शिष्यों की परीक्षा लेने के लिए उनको जंगल में ले गये| जंगल में एक आम का पेड़ था  जिस पर बहुत सारे खट्टे और मीठे आम लटकेहुए थे| ऋषि ने पेड़ की ओर देखा  और शिष्यों से कहा की  इस पेड़ को ध्यान से देखो|  फिर उन्होंने पहले शिष्य से पूछा की  तुम्हें क्या दिखाई देता है| शिष्य ने कहा कि ये पेड़ बहुत ही विनम्र है लोग इसको पत्थर मारते हैं  फिर भी ये बिना कुछ कहे फल देता है|  इसी तरह इंसान को भी होना चाहिए,  कितनी भी परेशानी हो  विनम्रता और त्याग की भावना नहीं छोड़नी चाहिए| फिर दूसरे शिष्या से पूछा कि  तुम क्या देखते हो,  उसने क्रोधित होते हुए कहा की  ये पेड़ बहुत धूर्त है  बिना पत्थर मारे ये कभी फल नहीं देता  इससे फल लेने के लिए इसे मारना ही पड़ेगा| इसी तरह मनुष्य को भी अपने मतलब की चीज़ें दूसरों से छीन लेनी चाह...

चरणामृत का महत्व (Importance of Charnamrit)

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अक्सर जब हम मंदिर जाते है तो पंडित जी हमें भगवान का चरणामृत देते है. क्या कभी हमने ये जानने की कोशिश की. कि चरणामृतका क्या महत्व है. शास्त्रों में कहा गया है अकालमृत्युहरणं सर्वव्याधिविनाशनम्। विष्णो: पादोदकं पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते ।। "अर्थात भगवान विष्णु के चरण का अमृत रूपी जल समस्त पाप-व्याधियोंका शमन करने वाला है तथा औषधी के समान है। जो चरणामृत पीता है उसका पुनः जन्म नहीं होता" जल तब तक जल ही रहता है जब तक भगवान के चरणों से नहीं लगता, जैसे ही भगवान के चरणों से लगा तो अमृत रूप हो गया और चरणामृत बन जाता है. जब भगवान का वामन अवतार हुआ, और वे राजा बलि की यज्ञ शाला में दान लेने गए तब उन्होंने तीन पग में तीन लोक नाप लिए जब उन्होंने पहले पग में नीचे के लोक नाप लिए और दूसरे मेंऊपर के लोक नापने लगे तो जैसे ही ब्रह्म लोक में उनका चरण गया तो ब्रह्मा जी ने अपने कमंडलु में से जल लेकर भगवान के चरण धोए और फिर चरणामृत को वापस अपने कमंडल में रख लिया. वह चरणामृत गंगा जी बन गई, जो आज भी सारी दुनिया के पापों को धोती है, ये शक्ति उनके पास कहाँ से आई ये शक्ति है भगवान के चरणों की. जिस पर ब्...

बीरबल के बुद्दिमान पुत्र ने दिये अकबर के प्रश्नो के उत्तर

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अकबर ने बीरबल के सामने अचानक 3 प्रश्न उछाल दिये। प्रश्न थे- 'ईश्वर कहाँ रहता है? वह कैसे मिलता है ... और वह करता क्या है?'' बीरबल इन प्रश्नों को सुनकर सकपका गये और बोले- ''जहाँपनाह! इन प्रश्नों के उत्तर मैं कल आपको दूँगा।" जब बीरबल घर पहुँचे तो वह बहुत उदास थे। उनके पुत्र ने जब उनसे पूछा तो उन्होंने बताया- ''बेटा! आज अकबर बादशाह ने मुझसे एक साथ तीन प्रश्न 'ईश्वर कहाँ रहता है? वह कैसे मिलता है? और वह करता क्या है?' पूछे हैं। मुझे उनके उत्तर सूझ नही रहे हैं और कल दरबार में इनका उत्तर देना है।'' बीरबल के पुत्र ने कहा- ''पिता जी! कल आप मुझे दरबार में अपने साथ ले चलना मैं बादशाह के प्रश्नों के उत्तर दूँगा।'' पुत्र की हठ के कारण बीरबल अगले दिन अपने पुत्र को साथ लेकर दरबार में पहुँचे। बीरबल को देख कर बादशाह अकबर ने कहा- ''बीरबल मेरे प्रश्नों के उत्तर दो। बीरबल ने कहा- ''जहाँपनाह आपके प्रश्नों के उत्तर तो मेरा पुत्र भी दे सकता है।'' अकबर ने बीरबल के पुत्र से पहला प्रश्न पूछा- ''बताओ! 'ईश्वर कह...

हनुमान की माता अंजना के अप्सरा से वानरी बनने की अद्भुत पौराणिक कथा

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हनुमान के जन्म की दैवीय घटना की शुरुआत होती है ब्रह्मा , जिनके हाथ में पृथ्वी के सृजन की कमान है , के दरबार से ।  स्वर्ग में स्थित उनके महल में हजारों सेविकाएं थीं , जिनमें से एक थीं अंजना । अंजना की सेवा से प्रसन्न होकर ब्रह्मा ने उन्हें मनचाहा वरदान मांगने को कहा । अंजना ने हिचकिचाते हुए उनसे कहा कि उन पर एक तपस्वी साधु का श्राप है , अगर हो सके तो उन्हें उससे मुक्ति दिलवा दें . ब्रह्मा ने उनसे कहा कि वह उस श्राप के बारे में बताएं , क्या पता वह उस श्राप से उन्हें मुक्ति दिलवा दें । अंजना ने उन्हें अपनी कहानी सुनानी शुरू की ।  अंजना ने कहा ' बालपन में जब मैं खेल रही थी तो मैंने एक वानर को तपस्या करते देखा , मेरे लिए यह एक बड़ी आश्चर्य वाली घटना थी , इसलिए मैंने उस तपस्वी वानर पर फल फेंकने शुरू कर दिए ।  बस यही मेरी गलती थी क्योंकि वह कोई आम वानर नहीं बल्कि एक तपस्वी साधु थे . मैंने उनकी तपस्या भंग कर दी और क्रोधित होकर उन्होंने मुझे श्राप दे दिया कि जब भी मुझे किसी से प्रेम होगा तो मैं वानर बन जाऊंगी ।  मेरे बहुत गिड़गिड़ाने और माफी मांगने पर उस साधु ने कहा कि मेरा च...

कृष्ण के मित्र सुदामा एक राक्षस थे जिनका वध भगवान शिव ने किया, शास्त्रों की अचंभित करने वाली कहानी

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स्वर्ग के विशेष भाग गोलोक में सुदामा और विराजा निवास करते थे . विराजा को कृष्ण से प्रेम था किंतु सुदामा स्वयं विराजा को प्रेम करने लगे ।  एक बार जब विराजा और कृष्ण प्रेम में लीन थे तब स्वयं राधा जी वहां प्रकट हो गईं और उन्होंने विराजा को गोलोक से पृथ्वी पर निवास करने का श्राप दिया . इसके बाद किसी कारणवश राधा जी ने सुदामा को भी श्राप दे दिया जिससे उन्हें गोलोक से पृथ्वी पर आना पड़ा . मृत्यु के पश्चात सुदामा का जन्म राक्षसराज दम्भ के यहां शंखचूण के रूप में हुआ तथा विराजा का जन्म धर्मध्वज के यहां तुलसी के रूप में हुआ ।                                    मां तुलसी से विवाह के पश्चात शंखचूण उनके साथ अपनी राजधानी वापस लौट आए . कहा जाता है कि शंखचूण को भगवान ब्रह्मा का वरदान प्राप्त था और उन्होंने शंखचूण की रक्षा के लिए उन्हें एक कवच दिया था और साथ ही यह भी कहा था कि जब तक तुलसी तुम पर विश्वास करेंगी तब तक तुम्हें कोई जीत नहीं पाएगा ।  और इसी कारण शंखचूण धीरे - धीरे कई युद्ध जीतते हुए तीनों लोको...