विश्व के पहले शल्य चिकित्सक - आचार्य सुश्रुत
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विश्व के पहले शल्य चिकित्सक - आचार्य सुश्रुत || शल्य चिकित्सा के जनक: सुश्रुत सुश्रुत प्राचीन भारत के महान चिकित्साशास्त्री एवं शल्यचिकित्सक थे। उनको शल्य चिकित्सा का जनक कहा जाता है। शल्य चिकित्सा (सर्जरी) के पितामह और 'सुश्रुत संहिता' के प्रणेता आचार्य सुश्रुत का जन्म छठी शताब्दी ईसा पूर्व में काशी में हुआ था। इन्होंने धन्वन्तरि से शिक्षा प्राप्त की। सुश्रुत संहिता को भारतीय चिकित्सा पद्धति में विशेष स्थान प्राप्त है। (सुश्रुत संहिता में सुश्रुत को विश्वामित्र का पुत्र कहा है। विश्वामित्र से कौन से विश्वामित्र अभिप्रेत हैं, यह स्पष्ट नहीं। सुश्रुत ने काशीपति दिवोदास से शल्यतंत्र का उपदेश प्राप्त किया था। काशीपति दिवोदास का समय ईसा पूर्व की दूसरी या तीसरी शती संभावित है। सुश्रुत के सहपाठी औपधेनव, वैतरणी आदि अनेक छात्र थे सुश्रुत का नाम नावनीतक में भी आता है अष्टांगसंग्रह में सुश्रुत का जो मत उद्धृत किया गया है;।। वह मत सुश्रुत संहिता में नहीं मिलता, इससे अनुमान होता है कि सुश्रुत संहिता के सिवाय दूसरी भी कोई संहिता सुश्रुत के नाम से प्रसिद्ध थी सुश्रुत के नाम पर आयुर्वेद भी प...