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Showing posts from August, 2015

सुहागिन का आँगन

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बड़े से आँगन के बीचोंबीच एक चौड़े चबूतरे पर बनी एक पिंडी जिसके ऊपर लगा है तुलसी का वह घना पौधा। सौ-डेढ़ सौ साल पुराना तो जरूर होगा यह चबूतरा। चार पीढ़ी पहले बनवाया गया था। तब ईंट और मिट्टी का बना था वह। उस आँगन की चौथी पीढ़ी आज सिर्फ इतना ही जानती है इस पिंडी के विषय में। पर इतिहास इससे कहीं ज्यादा समृद्ध है इसका। कोई चार-पांच पीढ़ी पहले की बात है। तब यह आँगन गाँव का सबसे समृद्धशाली आँगन हुआ करता था। आँगन के चारों ओर मिट्टी के बाइस कमरे हुआ करते थे। परिवार भी काफी बड़ा था। दरवाजे पर हाथी विराजते थे। अगल-बगल के घरों में यदि पत्रादि आते तो पते में "हाथी-दरवाजा के निकट" लिखा होता। इसी आँगन की सबसे बड़ी बहू की असामयिक मृत्यु हो गई थी। बहू सुशीला थी। जबतक जीवित रही उतने बड़े परिवार को एक डोर में बांधे रखा। पर उसे जाने के बाद शान्ति नहीं मिली। उसका जीव भटकता रहा। कहते हैं मरने के बाद भी वह किसी ना किसी पर 'आती' रहती और आनेवाले खतरों के प्रति सचेत कर जाती। उससे किसी को कोई कष्ट ना था। फिर एक दिन उसने घर में अपने लिए "आसन" माँगा। तभी उसके छोटे देवर ने मिट्टी का वह च...

जब किस्मत में लिखे हैं घोड़े तो कहाँ से मिलेंगे पकौड़े ...

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वैसे तो अपुन की जिंदगी सात साल पहले तक बड़ी बिंदास टाइप रही ... एकदम झकास मस्तमौला कटपीस भी अपुन को जीवन भर मिलते रहे ... हँसते रहे हंसाते रहे ... एकदम खानाबदोशी जीवन ... जहाँ मिल गई दो वहीँ गिर के गए सो ... कुछ एहि टाइप ... बचपन से किशोर अवस्था तक बस मस्ती भरा जीवन ... बात उन दिनों की जब इण्टर के एग्जाम थे ... तेज गर्मी ... टपकती गंधयुक्त पसीने और थपेड़ों वाली लू वाली गर्मी में रसायन विज्ञान का दूसरा पेपर ... माता राम ने बढ़िया तेज काजल लगे विकास बाबू को दही पेड़े खिला टीका करके पेपर तोड़ने भेज दिया ... सेंटर पर पहुंचे ... सीट तलाशी विराज भी गए ... कुछ ही देर मैं एक लंब तड़ंग मोटा भारी भरकम पर्वताकार भीमकाय काया आगे वाली सीट पर बैठ गई ... मुंह में ठूसम ठूस गुटखा ... साथ में दो बन्दूक लिए पहलवान जो भाईजान को छोड़ने आये थे ... बगल में बन्दूक भी टांगे थे ... दरअसल आगे की बात के पहले बता दूँ हमारे शहर के सबसे अमीर व्यापारी के सपूत थे ... सो मास्साब लोग भी उस भीमकाया की जी हुजूरी में थे ... खैर पेपर बंटा ... शांति से मैं अपना पेपर हल करने लगा ... आगे वाले भैया अपने दोनों जेबों में नकल सामग...