गूगल का पहला चैक
ऑनलाइन पैसे कमाने की बहुत सी तरकीबे आजमाने के बाद मैं ये post लिख रहा हूँ . शुरूआती दिनों में इन्टरनेट कि दुनिया कि ज्यादा जानकारी नहीं थी ,फिर भी दिन भर इन्टरनेट से पैसा कमाने के बारे में सोचता रहता था .बहुत से तरीके आजमाए ,एक बार एक कम्पनी को 2500 रूपये भी इस चक्कर में भेज दिए .उस कम्पनी ने अपने विज्ञापन में लिखा था कि हम आपको एक वेबसाइट देंगे और ऑनलाइन हेल्प भी करेंगे .
उन्होंने मुझे एक सीडी भेज दी जिसमे सिर्फ इतना बताया हुवा था कि एक गूगल पेज बनाइये और adsense के लिए अप्लाई कर दीजिये आपको विज्ञापन पर क्लिक के पैसे मिलेंगे .बात समझ नहीं आयी तो उस कम्पनी में फ़ोन किया वंहा से जवाब मिला कि हमे जो पता था आपको सीडी में भेज दिया .
जाहिर सी बात थी कि ठग लिया गया था .मगर मैंने हार नहीं मानी जैसे तैसे करके गूगल adsense का अकाउंट approve करवा ही लिया .फिर उस पर खुद ही इतने क्लिक किये कि गूगल ने अकाउंट बैन कर दिया .ये 2007 कि बात हैं .उसके बाद मेने ये विचार छोड़ दिया और वापस अपने काम यानि कि मोबाइल रिपेयरिंग में लग गया .
पिछले साल खुद कि वेबसाइट लांच करने का विचार आया .उसके लिए कुछ लोगो से बात कि तो उन्होंने 10 से 15 हजार रूपये की मांग की जो बहुत ज्यादा थी ,मेने खुद ही ये काम करने का जिम्मा उठाया और एक डोमेन नाम और होस्टिंग खरीदी जिसके लिए १७००रूपये का खर्चा आया. मुझे पूर्व में इस लाइन का कोई अनुभव नहीं था मगर पता नहीं केसे चीज़े आसान होती गयी और मैं सफल हुवा .
शुरआत मैं हिंदी वेबसाइट के चक्कर में था लेकिन क्यूँ कि गूगल हिंदी वेबसाइट को मान्यता नहीं देता इसलिए अंग्रेजी वेबसाइट जरुरी थी .मगर अंग्रेजी आती नहीं थी इसलिए मेने मोबाइल रिपेयरिंग के सोल्युशन कि वेबसाइट बना ली .उसमे अंग्रेजी का एक्सपर्ट होने कि जरुरत नहीं रहती हमारे पेशे वाले लोग तकनीकी शब्दों का इस्तेमाल करते हैं और उसमे स्पेलिंग या ग्रामर का कोई झंझट नहीं होता .
जब मेरी वेबसाइट में अच्छे विजिटर आने लगे तो मैंने दुबारा गूगल को जनवरी २०१२ में आवेदन किया जो मंजूर हो गया .इस बार मेने गूगल के दिशा निर्देशों कि अच्छी तरह से पालना की और मेरे यूट्यूब को भी इस से जोड़ दिया .इसका अच्छा परिणाम हुवा .मेरे गूगल खाते में पैसे आने लगे .लेकिन बहुत कम थे .
मेने इस सम्बन्ध में थोड़ी रिसर्च की जो कमियां थी वो दूर कि और मेरा पहला चेक २५ जून को १४२ $ का मेरे हाथ में आया .इस दिन मेरा जन्मदिन भी पड़ता हैं इसलिए ख़ुशी दुगनी हो गयी .अभी मेरे खाते में १६५ $ फिर बन चुके हैं जो इस महीने के अंत तक फिर मुझे चैक द्वारा भेजे जायेंगे .
अब चूँकि मेरे पास सबूत हैं इसलिए आपसे शेयर कर रहा हूँ .धन्यवाद
उन्होंने मुझे एक सीडी भेज दी जिसमे सिर्फ इतना बताया हुवा था कि एक गूगल पेज बनाइये और adsense के लिए अप्लाई कर दीजिये आपको विज्ञापन पर क्लिक के पैसे मिलेंगे .बात समझ नहीं आयी तो उस कम्पनी में फ़ोन किया वंहा से जवाब मिला कि हमे जो पता था आपको सीडी में भेज दिया .
जाहिर सी बात थी कि ठग लिया गया था .मगर मैंने हार नहीं मानी जैसे तैसे करके गूगल adsense का अकाउंट approve करवा ही लिया .फिर उस पर खुद ही इतने क्लिक किये कि गूगल ने अकाउंट बैन कर दिया .ये 2007 कि बात हैं .उसके बाद मेने ये विचार छोड़ दिया और वापस अपने काम यानि कि मोबाइल रिपेयरिंग में लग गया .
पिछले साल खुद कि वेबसाइट लांच करने का विचार आया .उसके लिए कुछ लोगो से बात कि तो उन्होंने 10 से 15 हजार रूपये की मांग की जो बहुत ज्यादा थी ,मेने खुद ही ये काम करने का जिम्मा उठाया और एक डोमेन नाम और होस्टिंग खरीदी जिसके लिए १७००रूपये का खर्चा आया. मुझे पूर्व में इस लाइन का कोई अनुभव नहीं था मगर पता नहीं केसे चीज़े आसान होती गयी और मैं सफल हुवा .
शुरआत मैं हिंदी वेबसाइट के चक्कर में था लेकिन क्यूँ कि गूगल हिंदी वेबसाइट को मान्यता नहीं देता इसलिए अंग्रेजी वेबसाइट जरुरी थी .मगर अंग्रेजी आती नहीं थी इसलिए मेने मोबाइल रिपेयरिंग के सोल्युशन कि वेबसाइट बना ली .उसमे अंग्रेजी का एक्सपर्ट होने कि जरुरत नहीं रहती हमारे पेशे वाले लोग तकनीकी शब्दों का इस्तेमाल करते हैं और उसमे स्पेलिंग या ग्रामर का कोई झंझट नहीं होता .
जब मेरी वेबसाइट में अच्छे विजिटर आने लगे तो मैंने दुबारा गूगल को जनवरी २०१२ में आवेदन किया जो मंजूर हो गया .इस बार मेने गूगल के दिशा निर्देशों कि अच्छी तरह से पालना की और मेरे यूट्यूब को भी इस से जोड़ दिया .इसका अच्छा परिणाम हुवा .मेरे गूगल खाते में पैसे आने लगे .लेकिन बहुत कम थे .
मेने इस सम्बन्ध में थोड़ी रिसर्च की जो कमियां थी वो दूर कि और मेरा पहला चेक २५ जून को १४२ $ का मेरे हाथ में आया .इस दिन मेरा जन्मदिन भी पड़ता हैं इसलिए ख़ुशी दुगनी हो गयी .अभी मेरे खाते में १६५ $ फिर बन चुके हैं जो इस महीने के अंत तक फिर मुझे चैक द्वारा भेजे जायेंगे .
अब चूँकि मेरे पास सबूत हैं इसलिए आपसे शेयर कर रहा हूँ .धन्यवाद
मेरे साथ भी 2007 में सेम केस हुआ था।
ReplyDeletebadhai
ReplyDeleteआपको हार्दिक बधाई ! आपका परिश्रम काम आया ..
ReplyDeleteआपके ब्लाग का टैम्पलेट कुछ अलग है। क्या इसे आपने खरीदा है। टैम्पलेट के बारे में कुछ और जानकारी दीजिए।
ReplyDeleteअपना अनुभव साझा करने के लिए धन्यवाद.
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