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Showing posts from September, 2023

बनियागीरी छोडो ?

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कई लोगो को देखा हैं ,राम ,अल्लाह या वाहे गुरु का नाम लेते समय गिनती करके लेते हैं ,जैसे उस पे बड़ा अहसान कर रहे हैं :). कई लोग मालाएं घुमाते हैं तो कई पेन से कोपी में लिखते हैं ,पर गिनती के बड़े पक्के हैं ,कितने नाम लिए कितने लेने हैं पूरा हिसाब किताब रखते हैं . सकाम भाव से साधना करने वालो ,तंत्र के साधको के लिए गिनती मायने रखती हैं क्यूँ कि उनको क्या प्राप्त करना हैं वो पहले से तय होता हैं ,वे लोग किसी विशेष सिद्धि या काम में सफलता के लिए निश्चित संख्या में पुरश्चरण करते हैं . निष्काम भाव या ईश्वर प्राप्ति करने के लिए माला या गिनती अवरोधक हैं . कहा भी  गया हैं "माला तो मन की भली और काठ का भारा ,जो माला में गुण होवे तो क्यूँ बेचें मनिहारा " पर शुरुआती अवस्था मैं ये चीज़ समझ नहीं आती .विभिन्न तरह के लोग और सबके अलग अलग विचार किसको सही माने किसको गलत . एक कहानी के द्वारा अपनी बात रखना चाहूँगी -एक साधू १०८ मनियो की माला लेकर अपने इष्ट देवता के मन्त्र का पुरश्चरण करता था .सुबह नहा धोकर दूध पीकर मंत्र का जप शुरू करता सो दोपहर तक चलता ,भोजन करने के बाद फिर से जप शुरू ,यही क्रम रात को...

वास्कोडिगामा ने स्वयं से भारत नही खोजा

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 अंग्रेजों ने एक भ्रम और व्याप्त किया कि वास्कोडिगामा ने समुद्र मार्ग से भारत आने का मार्ग खोजा। यह सत्य है कि वास्कोडिगामा भारत आया था, पर वह कैसे आया इसके यथार्थ को हम जानेंगे तो स्पष्ट होगा कि वास्तविकता क्या है? प्रसिद्ध पुरातत्ववेता पद्मश्री डा. विष्णु श्रीधर वाकणकर ने बताया कि मैं अभ्यास के लिए इंग्लैण्ड गया था। वहां एक संग्रहालय में मुझे वास्कोडिगामा की डायरी के संदर्भ में बताया गया। इस डायरी में वास्कोडिगामा ने वह भारत कैसे आया, इसका वर्णन किया है। वह लिखता है, जब उसका जहाज अफ्रीका में जंजीबार के निकट आया तो मेरे से तीन गुना बड़ा जहाज मैंने देखा । तब एक अफ्रीकन दुभाषिया लेकर वह उस जहाज के मालिक से मिलने गया। जहाज का मालिक चंदन नाम का एक गुजराती व्यापारी था, जो भारतवर्ष से चीड़ व सागवान की लकड़ी तथा मसाले लेकर वहां गया था और उसके बदले में हीरे लेकर वह कोचीन के बंदरगाह आकार व्यापार करता था। वास्कोडिगामा जब उससे मिलने पहुंचा तब वह चंदन नाम का व्यापारी सामान्य वेष में एक खटिया पर बैठा था। उस व्यापारी ने वास्कोडिगामा से पूछा, कहां जा रहे हो? वास्कोडिगामा ने कहा- भारत...