आयुर्वेद और आरोग्य के देवता 'भगवान धनवंतरी' का पर्व 'धनतेरस'
भगवान धनवंतरी सन 1964 में सोवियत एस्ट्रोनॉमर निकोलस कार्डेसेव ने ब्रह्माण्ड की किसी भी सभ्यता के आधुनिकरण को मापने के लिए ऊर्जा की खपत के आधार पर एक स्केल का सिद्धांत दिया जिसे 'द कार्डेसेव स्केल' कहते है... ये स्केल किसी भी सभ्यता द्वारा एक साल में उत्पादित और खपत की गई कुल ऊर्जा पर आधारित है और इसके अनुसार ब्रह्माण्ड की सभ्यताओं को तीन भागों में बांटा गया है, टाइप वन सिविलाइज़ेशन, टाइप टू सिविलाइज़ेशन और टाइप थ्री सिविलाइज़ेशन... टाइप वन सभ्यता वो सभ्यता कहलाएगी जो अपने ग्रह के सभी प्राकृतिक संसाधनों और अपने सूर्य की सारी ऊर्जा खर्च करने में सक्षम होगी... फिलहाल हम इंसान अभी टाइप ज़ीरो सिविलाइज़ेशन है... टाइप टू सभ्यता (स्टेलर सिविलाइजेशन) अपने सूर्य की ऊर्जा पर डायसन स्ट्रक्चर के द्वारा पूरा नियंत्रण कर पाएगी, उसकी ऊर्जा को अपने सौर मंडल के किसी भी ग्रह पर ट्रांसफर कर पाने में सक्षम होगी, उसका नियंत्रण अपने सौर मंडल के सारे ग्रहों पर होगा, वो सभ्यता अपने सौर मंडल में मौजूद एस्ट्रोनॉयड की माइनिंग कर उसकी ऊर्जा को उपयोग करने में सक्षम होगी... तीसरी और सबसे आधुनिक सभ्यता गैलेक्टिक स...