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Showing posts from May, 2015

सिकन्दर ने नहीं महाराज पुरु ने सिकन्दर को हराया था ~~

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[ झेलम और चेनाब नदियों के बीच "महाराज पुरु" का राज्य था |  सिकन्दर के साथ  हुई मुठभेड़ में पुरु परास्त हुआ किन्तु सिकन्दर ने उसका प्रदेश उसे लौटा दिया      झा एंड श्रीमाली, पृष्ठ १७१] जो वाक्य आपने ऊपर पढ़ा वो सिविल सेवा की तैयारी के दौरान दुर्भाग्यवश "झा एंड श्रीमाली" जैसे नीच और मुर्ख वामपंथी इतिहासकारों द्वारा लिखित मानक इतिहास है जो हमें बार-बार पढ़ना पढ़ा | व्यक्तिगत तौर पे कहूँ, तो पता नहीं ये कौन से "झा" हैं,, जिन्होंने हम लोगों का नाम खराब किया है | अपनी शौर्य और वीरता के लिए जगत प्रसिद्द "महान राजा पुरु" का इतिहास, सिकन्दर भगौड़े का गुणगान करते हुए महज उपर्युक्त दो वाक्यों में सिमटा दिया गया है,,  और हर बार मैं उसके ("झा एंड श्रीमाली") इन  दो वाक्यों के पास अपनी पेन्सिल और कलम तोड़ कर भड़ास निकालने को बाध्य होती हूँ |  क्योंकि हर बार मुझे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के इतिहासकार "रोबिन लेन फोक्स" के द्वारा सिकन्दर पर लिखित इतिहास की पुस्तक “अलेक्जेंडर द ग्रेट” पर आधारित २००४ में बनी ओलिवर स्टोन की फिल्म “अलेक्जेंडर” मुझे याद आ ज...

क्या मिहिरकुल ही कल्की अवतार है .....

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स्कंदगुप्त के काल में ही हूणों ने कंबोज और गांधार अर्थात बौद्धों के गढ़ संपूर्ण अफगानिस्तान पर अधिकार करके फिर से हिन्दू राज्य को स्थापित कर दिया था। लगभग 450 ईस्वीं में उन्होंने सिन्धु घाटी क्षेत्र को जीत लिया। कुछ समय बाद ही उन्होंने मारवाड़ और पश्चिमी राजस्थान के इलाके भी जीत लिए। 495 ईस्वीं के लगभग हूणों ने तोरमाण के नेतृत्व में गुप्तों से पूर्वी मालवा छीन लिया। एरण, सागर जिले में वराह मूर्ति पर मिले तोरमाण के अभिलेख से इस बात की पुष्टि होती है। जैन ग्रंथ 'कुवयमाल' के अनुसार तोरमाण चंद्रभागा नदी के किनारे स्थित पवैय्या नगरी से भारत पर शासन करता था। इतिहासकारों के अनुसार पवैय्या नगरी ग्वालियर के पास स्थित थी। तोरमाण के बाद उसका पुत्र मिहिरकुल हूणों का राजा बना। ( मिहिरकुल भारत में एक ऐतिहासिक श्वेत हुण शासक था। ये तोरामन का पुत्र था। तोरामन भारत में हुण शासन के संस्थापक था। मिहिरकुल 510 ई. में गद्दी पर बैठा। संस्कृत में मिहिरकुल का अर्थ है - 'सूर्य के वंश से', अर्थात सूर्यवंशी। मिहिरकुल का प्रबल विरोधी नायक था यशोधर्मन। कुछ काल के लिए अर्थात् 510 ई. में एरण (तत्कालीन...