गरीब की आग
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उस आदमी का घर जल रहा था। वह अपने परिवार सहित आग बुझाने का प्रयास कर रहा था लेकिन आग प्रचंड थी।बुझने का नाम न लेती थी। ऐसा लगता है जैसे शताब्दियों से लगी आग है, या किसी तेल के कुएं में माचिस लगा दी गई है या कोई ज्वालामुखी फट पड़ा है। आदमी ने अपनी पत्नी से कहा, "इस तरह की आगतोहमनेकभी नहीं देखी थी।" पत्नी बोली, "हां क्योंकि इस तरह की आग तो हमारे पेट में लगा करती है। हम उसे देख नहीं पाते थे।" वे आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे कि दो पढ़े-लिखे वहां आ पहुंचे। आदमी ने उनसे कहा, "भाई हमारी मदद करो।" दोनों ने आग देखी और डर गए। बोले, "देखो, हम बुद्धिजीवी हैं, लेखक हैं, पत्रकार हैं, हम तुम्हारी आग के बारे में जाकर लिखते हैं।" वे दोनों चले गए। कुछ देर बाद वहां एक आदमी और आया। उससे भी इस आदमी ने आग बुझाने की बात कही। वह बोला, "ऐसी आग तो मैंने कभी नहीं देखी… इसको जानने और पता लगाने के लिए शोध करना पड़ेगा। मैं अपनी शोध सामग्री लेकर आता हूं, तब तक तुम ये आग न बुझने देना।"वह चला गया। आदमी और उसका परिवार फिर आग बुझाने में जुट गए। पर आग थी कि काबू में ही न आ...